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* गीता दर्शन भाग-7
हुए। नब्बे दिन के करीब पहुंच गया, तो एक पत्रकार ने उसके कान के पास जाकर पूछा, क्योंकि उसकी आवाज अब बिलकुल क्षीण हो गई थी, कि तू यह किसलिए कर रहा है? तो उसने बिलकुल क्षीण आवाज में कहा कि मैं सब रिकार्ड तोड़ देना चाहता हूं; मर जाऊ भला, मगर रिकार्ड तोड़ देना है। मुझसे ज्यादा बड़ा उपवास करने वाला दुनिया में कभी भी नहीं हुआ! ___जटिल में एक रस है, रिकार्ड तोड़ने का रस। सरल में कोई रिकार्ड ही नहीं है, सभी लोग उसको करते ही रहे हैं।
कृष्ण कहते हैं, दिव्यता की तरफ जिसे जाना है, उसे सरलता का चुनाव जीवन के सब पहलुओं पर...।
जब भी चुनाव हो, तो सरल का, सरलतम का। और आप धीरे-धीरे पाएंगे, अहंकार बचा ही नहीं जिसको मिटाना है। और अहंकार खो जाए, तो आसुरी संपदा की जड़ कट गई। निरअहंकारिता आ जाए, तो दैवी संपदा का द्वार खुल गया।
आज इतना ही।