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________________ पहले फ्लैप से आगे रामायण है, वह राम के जीवन की लंबी कथा है। बाइबिल है, वह जीसस के अनेक-अनेक अवसरों पर अनेक-अनेक अलग-अलग लोगों को दिए गए वक्तव्य हैं। कुरान है, वह ईश्वर का संदेश है मनुष्य जाति के प्रति, मोहम्मद के द्वारा निवेदित। लेकिन कोई भी डायलाग नहीं है सीधा। गीता सीधा डायलाग है। मैं-त की हैसियत से दो दनियाएं सामने खड़ी हैं। एक तरफ सारी मनुष्यता का डांवाडोल मन अर्जुन में खड़ा है और एक तरफ सारी भगवत्ता अपने सारे निचोड़ में कृष्ण में खड़ी है। और इन दोनों के बीच सीधी मुठभेड़ है, सीधा एनकाउंटर है। यह बहुत अनूठी घटना है। इसलिए गीता एक अनूठा अर्थ ले.ली है। वह फिर साधारण धार्मिक किताब नहीं है। उसको हम और किसी किताब के साथ तौल भी नहीं सकते। वह अनूठी है। -ओशो
SR No.002408
Book TitleGita Darshan Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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