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जीवन अवसर है
जीवन, टोटल, पूरा का पूरा बेकार हुआ, इसलिए; नाटक हुआ, व्यर्थ हुआ, इसलिए; यह सारा अनुभव सारहीन हुआ, इसलिए अब मैं हदूं और उस तरफ खोजूं। क्या है वहां ? कौन है वहां ? कौन-सी संपदा है वहां ? खोजूं !
इस जिज्ञासा से जो गया ज्ञानी, तत्व को जानकर, एकीभाव को उपलब्ध हुआ, अनन्य होकर मुझे प्रेम करता है, मैं भी उसे प्रेम करता हूं।
आज इतना ही।
लेकिन जाएंगे नहीं। थोड़ी देर आपके घड़े को सीधा करने की कोशिश करें। ये नाचेंगे फकीर हमारे; थोड़ा आपके घड़े में भी गिर जाए, इसका खयाल रखें। उलटे न बैठे रहें। उलटे बैठे का मतलब कि बैठे हैं अकड़कर कि कहीं कोई चीज भीतर न चली जाए। ताली बजाएं। धुन में साथ दें। बैठे-बैठे आनंदित होकर मगन हों। ये पांच मिनट का पूरा आनंद लेकर जाएं।
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