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गाथा अनुक्रम
ब्राह्मणी ने ब्राह्मण पंचग्र को बुद्ध से छुपाया..
चोरों का सरदार एक उपासिका की बात सुन संन्यस्त हुआ.. पांच सौ भिक्षुओं ने ध्यान की गहराइयों में जाने का संकल्प किया..
कुलको उदासी में वैराग्य पैदा हुआ..
वक्कलि का बुद्ध के सौंदर्य से अटूट मोह..
आनंद पर बुद्ध के प्रसाद की वर्षा .....
सारिपुत्र के गुणों की प्रशंसा और बुद्ध-विरोधी ब्राह्मण की ईर्ष्या.. एक ब्राह्मणी का सदा 'नमो तस्स भगवतो' का जाप करना..
रेवत की साधना और बुद्ध के दर्शन....
बुद्ध के आलोक के सामने चंदाभ की आभा का लुप्त होना..
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