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एस धम्मो सनंतनो
दूसरे का धन अपने घर बुलवा रहा है सात दिन तक; यह बुद्ध को भूल गया। ये सात दिन इसे बुद्ध की याद ही न आयी ! साफ है बात कि बुद्ध की याद भी तभी आती है, जब फुरसत हो, जब और कोई काम न हो । बुद्ध इसकी जीवन - सूची में प्रथम नहीं हैं। प्रथम धन ही है।
जब सब तरह राहत होती है, और कोई काम नहीं होता, तब सोचता है: बैठे-ठाले क्या करना है ! चलो, सत्संग कर आएं। सत्संग पर इसका जीवन दांव पर नहीं लगा है। यह सात दिन दूसरे का धन अपने घर लाने में व्यस्त हैं।
खड़ा रहा होगा वहां कि कहीं कोई और न ले जाए! कहीं धन यहां-वहां न बिखर जाए। कहीं लाने वाले नौकर-चाकर कुछ न लूट लें। कहीं कोई बैलगाड़ी महल की तरफ न आकर किसी और तरफ न मुड़ जाए । यह खड़ा रहा होगा । संभावना यही है कि बैलगाड़ियों के साथ-साथ धनी के घर से राजमहल आया होगा । भूल ही गया बुद्ध को !
और ध्यान रखनाः अगर बुद्ध प्रथम नहीं हैं तुम्हारी जीवन-सूची में, तो हैं ही नहीं। अगर धर्म प्रथम नहीं है तुम्हारी जीवन - सूची में, तो है ही नहीं । -
परमात्मा को तो सभी ने जीवन-सूची के अंत में रख दिया है! लोग कहते हैं: धन कमा लें पहले, पद कमा लें पहले, बेटे की शादी कर लें, बच्चे बड़े हो जाएं, घर सब सम्हल जाए, फिर-फिर प्रभु-भजन में लगेंगे। अंतिम !
और न कभी घर सम्हलता पूरा, क्योंकि एक समस्या से दूसरी उठती चली जाती है। बच्चों का विवाह हो जाता है, तो उनके बच्चे खड़े हो जाते हैं। अब इन बच्चों का विवाह करना है। अब इनकी चिंता पकड़ने लगती है।
यहां उलझनें कभी समाप्त थोड़े ही होती हैं। जिंदगी में कभी ऐसा थोड़े ही होता है, जैसा फिल्मों में होता है - दि एंड । यहां कभी ऐसा होता ही नहीं कि खतम हो गयी कहानी - इतिश्री !
नहीं; यहां तो जिंदगी चलती चली जाती है। तुम खतम हो जाओगे, जिंदगी चलती चली जाती है। तुम कई बार खतम हो गए और जिंदगी चलती रही। जिंदगी कभी खतम नहीं होती । व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं, और जिंदगी बहती रहती है।
इसलिए तुम यह मत सोचना कि जिंदगी की धारा जब रुक जाएगी, सब चिंताओं से मुक्त हुए, सब समस्याएं हल हो गयीं, सब हिसाब-किताब पूरा हो गया, फिर बैठकर हरि भजन करेंगे।
फिर तुम न करोगे। तुम्हारी लाश चलेगी; दूसरे लोग हरि भजन करेंगे: राम नाम सत्य है। वह दूसरे लोग हरि भजन करेंगे, वह भी तुम्हारे लिए - कि बेचारा खुद तो नहीं कर पाया; अब इसको मरघट पहुंचाते तक तो कर दो! हालांकि अब लाश ही पड़ी है, वहां कोई सुनने वाला भी नहीं है !
तुम तो गंगा नहीं जा पाते; जब मर रहे होओगे, तो दूसरे बोतलों में बंद गंगाजल
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