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गाथा अनुक्रम
श्रावस्ती की विनिश्चयशाला और भिक्षुओं का संदेह .
जंगल के देवता और एकुदान का उपदेश ... नाटे लंकुटक स्थविर बुद्ध के दर्शन को आये.. शब्दों के धनी पर मौन में दरिद्र भिक्षु 'हत्थक'. एक ब्राह्मण दर्शनिक का बुद्ध से विवाद.. भिक्षुओं का गृहस्थों के घर निमंत्रित होना. भिक्षुगण भ्रांत धारणाओं के शिकार...
भिक्षुओं की साधारणजनों जैसी बातों पर बुद्ध की देशना ..
पांच सौ भिक्षुओं को बुद्ध ने अरण्यवास में भेजा (पूर्वार्द्ध).
पांच सौ भिक्षुओं में से एक आलस्यवश जेतवन में ही रुक गया (उत्तरार्द्ध) युवक वणिक और बुद्ध का अकारण हंसना..
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