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करेगी। जब सारा घर और सारी दनिया सोयी हो तो आधी रात चुपचाप अपने बिस्तर में बैठ जाने से शुभ घड़ी ध्यान के लिए खोजनी कठिन है।
ये सूत्र अनूठे हैं और अत्यंत उपयोगी हैं और इनमें संबुद्धों का सनातन संदेश सन्निहित है। ओशो ऐसे छोटे-छोटे जीवन प्रसंगों को उठाकर बड़े परम सत्यों की घोषणा करते हैं। ओशो कहते हैं : धर्म शाश्वत है, सनातन है, लेकिन उसकी अभिव्यक्ति तो क्षण-क्षण जीवन की परिस्थितियों में होनी चाहिए। इसीलिए मैं इन दृश्यों को तुम्हारे सामने उपस्थित कर रहा हूं। ये तुम्हारे जीवन के ही दृश्य हैं। और इनको ठीक से समझोगे तो इन संकेतों में तुम्हारे लिए बहुत पाथेय मिल सकता है।
ध्यान पथ है और इन प्रवचनों में प्रगट सीधे-सरल सूत्र ध्यान का पाथेय हैं। तो आएं, ध्यान का रसास्वादन करें।
स्वामी चैतन्य कीर्ति संपादकः ओशो टाइम्स इंटरनेशनल