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कि सी गायक को गीत गाते देखकर तुम्हें याद आ जाती है अपने कंठ
की कि कंठ तो मेरे पास भी है। और किसी नर्तक को नाचते देखकर तुम्हें याद आ जाती है अपने पैरों की कि पैर तो मेरे पास भी हैं, चाहूं तो नाच तो मैं भी सकता हूं। किसी चित्रकार को चित्र बनाते देखकर तुम्हें भी याद आ जाती है कि चाहूं तो चित्र मैं भी बना सकता हूं। ऐसे ही किसी बुद्ध को देखकर तुम्हें याद आ जाती है कि चाहूं तो बुद्धत्व मैं भी पा सकता हूँ।
ओशो एस धम्मो सनंतनो
भाग 8