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________________ गाथा अनुक्रम श्रावस्ती में बुद्ध को कुलकन्या के विवाह पर निमंत्रण.. आलवी में बुद्ध ने एक निर्धन उपासक को भोजन कराया. भट्ट सम्राट प्रसेनजित तिष्यस्थविर और बुद्ध के परिनिवृत्त होने की घोषणा.. युवक और उसके माता-पिता का मोहवश संन्यस्त होना. बेटे की मृत्यु से शोक में डूबा एक श्रावक और बुद्ध की देशना ... एक अनागामी स्थविर का मरकर शुद्धावास ब्रह्मलोक में उत्पन्न होना.. स्थविर अनिरुद्ध की बहन रोहिणी का इलाज.. राजगृह की दासी ‘'पूर्णा'.. अतुल नामक व्यक्ति पांच सौ व्यक्तियों के साथ धर्मश्रवण को आया.. मरणशय्या पर स्वर्णकार द्वारा बुद्ध से लंबी आयु की कामना भिक्षु तिष्य की चादर.. लालूदाई की ईर्ष्या.. युवक संन्यासी का व्यर्थ में संसार की निंदा करते रहना.. तीन बार प्रार्थना के पश्चात बुद्ध बोले... कुशीनाला के शालवन में बुद्ध की अपने भिक्षुओं से अंतिम विदा .. .4 17 .21 .25 .63 .78 .83 128 147 .153 .196 .215 262 .326 345 ..352
SR No.002385
Book TitleDhammapada 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1991
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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