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बार झुकने से उपलब्धि, झुकने में उपलब्धि...........
3 परमात्मा अपनी ओर आने का ही ढंग .. 44 ऊर्जा का क्षण-क्षण उपयोगः धर्म..... 45 सुख या दुख तुम्हारा ही निर्णय ....... 46 जीवन-मृत्यु से पार है अमृत.......... 47 अकेलेपन की गहन प्रतीति है मुक्ति .... 48 आज बनकर जी! ..... 49 महोत्सव से परमात्मा, महोत्सव में परमात्मा ......
500 अशांति की समझ ही शांति ........ 1511 आत्म-स्वीकार से तत्क्षण क्रांति ..........
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