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एस धम्मो सनंतनो
या तुम
पाओगे
और दो ही विकल्प हैं: या तो तुम पाओगे, जो कहा सच है, कि जो कहा झूठ है । तीसरा तो कोई विकल्प नहीं है । अगर तुमने पाया सच है, धन्यवाद दे आना। अगर तुमने पाया झूठ है, तो परेशान होना व्यर्थ है । अगर पाया कि झूठ है तो हंस लेना; अगर पाया कि सच है तो जाकर शुक्रिया अदा कर आना। क्रोध की जगह नहीं है। प्रत्युत्तर का कोई कारण नहीं है । प्रतिक्रिया में पड़ने का कोई • भी, कहीं भी कोई आधार नहीं है।
और ध्यान रखना, यदि तुम चाहते हो कि कभी तुम्हारे जीवन की ज्योति जगमगाए, अगर तुम चाहते हो कि कभी सच में ही तुम्हारे जीवन का फूल खिले, तो कांटों से इतने दूर-दूर रहने की आदत छोड़ो। क्योंकि फूल कांटों में खिलते हैं। ज्योति अंधेरे में जगमगाती है। पत्थर पर जब छेनी चलती है कलाकार की तो मूर्तियां निर्मित होती हैं। और पत्थर कह दे कि नहीं, छेनी बर्दाश्त नहीं, काटो मत। मैं जैसा हूं, मुझे वैसा ही रहने दो; तो पत्थर अनगढ़ पत्थर ही रह जाएगा। थोड़ी सी छेनी की चोट सहना जरूरी है।
गुलशन-परस्त हूं मुझे गुल ही नहीं अजीज कांटों से भी निबाह किए जा रहा हूं मैं
अगर तुम सच में ही फूलों के प्रेमी हो, तो तुम कांटों से भी निबाह करना सीख लोगे । गुलशन - परस्त हूं— फूलों का प्रेमी हूं; मुझे गुल ही नहीं अजीज - और मुझे 'फूल ही प्यारे हैं, ऐसा नहीं है।
कांटों से भी निबाह किए जा रहा हूं मैं
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करना ही होगा । निबाह कहना भी शायद ठीक नहीं; निबाह में ही थोड़ी सी अड़चन आ गई है जैसे। निबाह किए जा रहा हूं मैं — किसी तरह झेले जा रहा हूं। नहीं, वह बात भी ठीक नहीं है। कांटों से भी उतना ही प्रेम करना होगा, जितना फूलों से। अगर तुमने कांटों से प्रेम न किया तो तुम आज नहीं कल प्लास्टिक के फूल खरीद लाओगे, क्योंकि उन्हीं में कांटे नहीं होते। कागज के फूल खरीद लाओगे, क्योंकि उनमें कांटे नहीं होते । असली फूल, अगर गुलाब की आकांक्षा है तो कांटों की तैयारी भी चाहिए।
कांटे उतने ही जीवन का अनिवार्य अंग हैं, जितने फूल । अंधेरा उतना ही जरूरी है, जितना प्रकाश । रात उतनी ही आवश्यक है, जितना दिन । मौत उतनी ही जरूरी है, जितना जन्म। मित्रों और शत्रुओं के बीच थपेड़े खा-खाकर ही तुम्हारे भीतर के चैतन्य का आविर्भाव होता है।
अगर तुमने जिद की कि हम तो एक को ही पकड़कर जीएंगे, तो तुम ऐसे आदमी हो जो जिद कर रहा है कि हम एक ही पैर से चलेंगे। तुम ऐसे आदमी हो जो जिद कर रहा है, हम एक ही पंख से उड़ेंगे। तुम ऐसे आदमी हो जो जिद कर रहा है, हम एक ही पतवार से अपनी नाव खे लेंगे।
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