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प्रेम की आखिरी मंजिल : बुद्धों से प्रेम हमसे न होगा। कम से कम मंत्र ही दे दें। तो हम वही जपेंगे। मगर करेंगे। माला दे दें, उसको ही फिराते रहेंगे। ___ अब शतरंज में और माला में कोई फर्क है? चाहे तुम फिल्मी गीत गुनगुनाओ
और चाहे तुम राम-राम जपो, कोई फर्क नहीं। असली सवाल तुम्हारे व्यस्त होने का है। कैसे तुम अव्यस्त हो जाओ, अनआकुपाइड हो जाओ। ___ ध्यान का अर्थ है, करने को कुछ भी न हो, बस तुम हो। जैसे फूल हैं। जैसे आकाश के तारे हैं। ऐसे बस हो गये। कुछ नहीं करने को। कठिन है बहुत, सर्वाधिक कठिन है। इससे ज्यादा कठिन कुछ भी नहीं।
लेकिन अगर तुम बैठते ही रहे, बैठते ही रहे, बैठते ही रहे तो किसी दिन अचानक तुम पाओगे बज उठी कोई वीणा भीतर से। उसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। मैं कुछ कह नहीं सकता, कब यह होगा। तुम पर निर्भर है। आज हो सकता है। जन्म भर न हो। तुम पर निर्भर है। ___ लेकिन किसी दिन जब बज उठेगी तुम्हारी भीतर की वीणा, तब तुम पाओगे व्यर्थ गंवाया जीवन। भीतर इतना बड़ा उत्सव चल रहा था, हम हाथी-घोड़े चलाते रहे। भीतर इतने बड़े आनंद की अहर्निश वर्षा हो रही थी, भीतर स्वर्ग के द्वार खुले थे, हम बाजार में गंवाते रहे। ___ मैं यह नहीं कह रहा हूं कि तुम बाजार छोड़कर भाग जाओ। मैं तुमसे यह कह रहा हूं कि चौबीस घंटे में दो घड़ी अपने लिए निकाल लो। बाकी सब घड़ी बाजार में गंवा दो, कोई हर्जा नहीं। जिंदगी के आखिर में तुम पाओगे, जो बैठकर तुमने गुजारा समय, वही बचाया, बाकी सब गया। ___ और एक बार तुम्हारे भीतर का यह अंतर्नाद तुम्हें सुनाई पड़ने लगे-उसे ओंकार कहो, या जो तुम्हारी मर्जी हो—जिस दिन यह भीतर का अंतर्नाद तुम्हें सुनाई पड़ने लगेगा, उस दिन फिर तुम बाजार में रहो, दुकान में रहो, जहां रहो, कोई फर्क नहीं पड़ता, भीतर की वीणा बजती ही रहती है। सदा बजती रही है। सिर्फ तुम्हें सुनने की आदत नहीं है। सुनने की सामर्थ्य नहीं है। तुम तालमेल नहीं बिठा पाए हो।
तो अच्छा हुआ कि हालत त्रिशंकु की हो गई। न पीछे जाने का कोई रास्ता-भगवान को धन्यवाद दो! न आगे जाने का कोई उपाय-बड़ा सौभाग्य! अब बैठ जाओ। वहीं बैठ जाओ जहां हो। न पीछे लौटकर देखो, न आगे। आंख बंद कर लो। कहीं जाना नहीं है। अपने पर आना है।
जिसे तुम खोजते हो, वह तुम में छिपा है। जिसकी तरफ तुम जा रहे हो, वह तुम में बसा है। आखिर में यही पाया जाता है कि हम जिसे तलाशते थे, वह तलाश करने वाले में ही छिपा था। इसीलिए तो इतनी देर लग गई और खोज न पाए।
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