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एस धम्मो सनंतनो
और किसी की जिंदगी में अंधेरा हो तो कैसा रविवार!
आज कहीं आकाश से नहीं उतरता है। समय कहीं बाहर से नहीं आता है। समय तुम्हारे भीतर से पैदा होता है। तुम ही आज को जीकर कल को पैदा करोगे। तुम्हारे ही गर्भ में निर्मित होता है कल। कल निर्मित हो रहा है आज। ___ और इसीलिए मैं कहता हूं, आज और अभी जी लो। और इतने आनंद से जीओ, ऐसे भरपूर जीओ कि जो तुम्हारे गर्भ में निर्मित हो रहा है वह भी रूपांतरित हो जाए, वह तुम्हारे आनंद को पकड़ ले। अगर आज तुम दुख में जी रहे हो, और कल की आशा कर रहे हो सुख की, आशा से पैदा नहीं होगा कल, कल तो तुमसे पैदा होगा। तुम जैसे जी रहे हो उससे पैदा होगा। तुम्हारे अस्तित्व से पैदा होगा, तुम्हारे सपनों से नहीं।
समझो एक मां बीमार है और उसके गर्भ में एक बेटा है; और रुग्ण है, और शरीर जराजीर्ण है। बेटा तो इस जराजीर्ण, रुग्ण शरीर से पैदा होगा। मां चाहे सपने कितने ही देखती हो कि बेटा बड़ा स्वस्थ होगा, महावीर जैसा स्वस्थ होगा, इससे कुछ हल नहीं होने वाला। इस सपने से बेटा पैदा नहीं होने वाला। बेटा तो सचाई से पैदा होगा। तुम्हारा कल तुम्हारे सपने से पैदा नहीं होगा, तुम्हारे आज की असलियत से पैदा होगा, हकीकत से पैदा होगा।
तुम आज क्या हो। अगर तुम नाच रहे हो, तो तुमने आने वाले कल के लिए नाच दे दिया। अगर तुम प्रमुदित हो, प्रफुल्लित हो, तो कल का फूल खिलने ही लगा। क्योंकि जिस फूल को कल खिलना है, उसकी कली आज ही तैयार हो रही है। प्रतिपल तुम अगला पल पैदा कर रहे हो। प्रतिक्षण अगला क्षण तुम्हारे भीतर निर्मित हो रहा है, तैयार हो रहा है। तुम स्रष्टा हो। तुम अपने समय को खुद पैदा करते हो। __इसलिए मैं तो कहता हूं, आज जीओ। लेकिन तुम्हें लगता है वर्तमान जीने जैसा नहीं लगता। अगर वर्तमान जीने जैसा नहीं लगता, तो कल भी तो वर्तमान होकर ही आएगा। फिर वह भी जीने जैसा नहीं लगेगा। परसों भी वर्तमान होकर ही आएगा, वह भी जीने जैसा नहीं लगेगा। तो इसी को तो मैं आत्मघात करना कहता हूं। तब तो आत्महत्या कर रहे हो, जी नहीं रहे हो।
जीने का कोई और उपाय नहीं है। आज ही है, और आज ही जीना है। जीने जैसा लगे या न लगे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जीने का और कोई ढंग है ही नहीं। जीना तो यहीं होगा। कल के भुलावे में मत पड़ो। कल के भुलावों ने बहुतों को डुबाया है।
आज जीओ। यह क्षण खाली न चला जाए। यह क्षण अवसर है। इसे तुम ऐसे ही मत गंवा देना। कुछ बना लो इसका। कुछ रस ले लो इसमें। कुछ भोग लो इसे। कुछ पहचान लो इसे। इसका स्वाद उतर जाने दो तुम्हारे प्राणों में। यह ऐसा ही न
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