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________________ शक्ति पर भद्रता की विजय होती है तब तुम यह देख भी न पाओगे कि वे गिराने का इंतजाम कर रहे हैं। और जब वे तुम्हें हाथ का सहारा दे रहे हैं तब तुम बड़े प्रसन्न हो रहे हो; लेकिन तुम्हें दूसरे पहलू का कुछ भी पता नहीं है। जो तुम्हें मान देते हैं वे ही तुम्हारा अपमान करेंगे; जो तुम्हें आदर देते हैं वे ही तुम्हारे अनादर का कारण हो जाएंगे। क्योंकि आदर का दूसरा हिस्सा अनादर है। जैसे जन्म मृत्यु में बदलेगा ही, वैसे ही आदर भी अनादर में बदलेगा। . इमर्सन ने एक बहुत अनूठी बात लिखी है। इमर्सन ने अपने जीवन भर के अनुभव के बाद लिखा है। लिखा है: एवरी ग्रेट मैन फाइनली टर्न्स टु बी ए बोर; सभी बड़े लोग अंततः बोर सिद्ध होते हैं, उबाने वाले सिद्ध होते हैं। इधर पिछले तीस-चालीस वर्षों के इतिहास से हम समझ सकते हैं कि क्या है इसका अर्थ। आपको खयाल है कि पिछले तीस-चालीस वर्षों में जितने बड़े लोग पैदा हुए जमीन पर, एक दिन लोगों ने उन्हीं को सम्मानित किया, शिखर पर उठाया, और उनके ही जीवन के अंतिम क्षणों में उन्हें उतार कर नीचे डाल दिया। चर्चिल की कैसी प्रतिष्ठा थी दूसरे महायुद्ध में! लेकिन युद्ध के बाद चर्चिल सत्ता में वापस नहीं आ सका। और जिन्होंने उसे पूजा था और सोचा था कि इंग्लैंड के इतिहास में इससे बड़ा महापुरुष नहीं हुआ, वे ही उसे सत्ता में लाने से रुकावट डालने को तैयार हो गए। दि गॉल को उतरना पड़ा सत्ता से युद्ध के बाद। स्टैलिन ने रूस को बचाया और बनाया। शायद ही किसी एक आदमी ने किसी राष्ट्र को इस भांति बनाया। उसने जो पाप भी किए वे भी उसी राष्ट्र को बनाने के लिए किए। उस एक आदमी के हाथ की मेहनत ही पूरा सोवियत रूस है। लेकिन युद्ध के बाद रूस ने स्टैलिन को अपदस्थ कर दिया। और मरने के बाद, आपको पता है, क्रेमलिन के बाहर के चौराहे से उसकी लाश भी वापस हटा दी गई। लेनिन के पास ही उसकी लाश रखी गई थी; वह भी मरने के बाद हटा दी गई। उसको क्रेमलिन के चौराहे पर नहीं रहने दिया। क्या कारण होगा? क्या आपको पता है कि महात्मा गांधी के साथ आपने क्या किया? कोई सोच भी नहीं सकता था कि कोई हिंदू गांधी को मारेगा। लेकिन वह भी गौण बात है, क्योंकि मृत्यु कोई बहुत बड़ी बात नहीं। गांधी को तो मरना ही होता। लेकिन गांधी मरने के पहले कहने लगे थे कि मेरे मानने वालों में अब मेरा सिक्का नहीं चलता; मेरे मानने वाले भी सब मेरे विपरीत हो गए हैं; मेरी कोई सुनता नहीं है। मैं खोटा सिक्का हो गया हूं। गांधी को पूजा आपने, और फिर गांधी को खुद कहना पड़े कि मैं खोटा सिक्का हो गया हूं; अब मेरा कोई चलन नहीं है। क्या बात होगी? गांधी चाहते थे कि एक सौ पच्चीस वर्ष जीएं, लेकिन मरने के पहले उन्होंने कहना शुरू कर दिया था कि अब मेरी और जीने की कोई इच्छा नहीं है। क्योंकि जिनके लिए मैं जीना चाहता था उन्होंने सब पीठ फेर ली। क्या अर्थ क्या है इसका? हम इन दोनों तथ्यों को जोड़ कर कभी नहीं देखते। च्यांग काई शेक को चीन ने इतना आदर दिया था जिसका हिसाब नहीं। च्यांग काई शेक अब जिंदा है, लेकिन चीन में कोई पूछने वाला नहीं। चीन की जमीन पर च्यांग काई शेक पैर भी नहीं रख सकता है। चीन की जनता उसको नंबर एक दुश्मन मानती है। रूजवेल्ट ने अमरीका को बचाया; दूसरे महायुद्ध में विजय के निकट लाया। सारी दुनिया को युद्ध से बचाने में रूजवेल्ट का गहनतम हाथ था। लेकिन युद्ध के बाद अमरीकी संसद ने एक संशोधन किया अपने विधान में और उस संशोधन के द्वारा रूजवेल्ट वापस प्रेसिडेंट न हो जाए, इसकी व्यवस्था कर ली। क्या होगा इस सबके पीछे राज? व्यक्तियों का सवाल नहीं है। लाओत्से जिस जीवन के द्वंद्व की बात कर रहा है, और जिस लय की, उसका सवाल है। आदर के पीछे छिपा है अनादर; सम्मान के पीछे छिपा है अपमान। 'सत्ता से जिसे गिराना है, पहले उसे फैलाव देना पड़ता है। और जिसे दुर्बल करना है, पहले उसे बलवान बनाना होता है। जिसे नीचे गिराना है, पहले उसे शिखरस्थ करना होता है। जिससे छीन लेना है, पहले उसे दे देना होता है। और जो इस राज को समझ लेता है, उसे लाओत्से कहता है, 'इस राज को समझ लेना सूक्ष्म दृष्टि है।' 85
SR No.002374
Book TitleTao Upnishad Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1995
Total Pages444
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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