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Chapter 26
HEAVINESS AND LIGHTNESS
The Solid is the root of the Light; The Quiescent is the master of the Hasty. Therefore the Sage travels all day, Yet never leaves his provision-cart. In the midst of honour and glory, He lives leisurely undisturbed. How can the ruler of a great country Make light of his body in the empire? In light frivolity, the centre is lost; In hasty action, self-mastery is lost.
अध्याय 26
गुरुता और लघुता
जो हलका है, उसका आधार ठोस है, गंभीर हैं, और निश्चल चलायमान का स्वामी हैं।
इसलिए संत दिन भर यात्रा करता है, लेकिन जीवन-ऊर्जा के स्रोत से जुड़ा रहता हैं। सम्मान व गौरव के बीच भी
वह विश्रामपूर्ण व अविचल जीता हूँ।
एक महान देश का सम्राट कँसे अपने राज्य में
अपने शरीर को उछालता फिर सकता हूँ?
छलके छिछोरेपन में केंद्र खो जाता है,
जल्दबाजी के काम में स्वामित्व, स्वयं की मालकियत नष्ट हो जाती हैं।