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शिष्य- खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् पडिलेहण करूँ। गुरूकरेह। शिष्य- इच्छं।
शिष्य- खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् वसहिं पमन्जेमि। गुरूपमन्जेह शिष्य- इच्छं।
मुहपत्ति का पडिलेहण करें।
शिष्य- खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् अंग पडिलेहण संदिसाहुं। गुरू- संदिसावेह। शिष्य- इच्छं।
शिष्य- खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् अंग पडिलेहण करूँ। गुरू- करेह। शिष्य- इच्छं।
मुहपत्ति का पडिलेहण करें।
शिष्य- खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् इरियावहियं पडिक्कमामि। गुरू- पडिक्कमेह। शिष्य- इच्छं।
इरियावही. तस्स. अन्नत्थ. एक लोगस्स का कायोत्सर्ग सागरवरगंभीरा तक करें, प्रकट लोगस्स कहें।
शिष्य- खमा. इच्छकारी भगवन् पसायकरी पडिलेहण पडिलावोजी। गुरू- पडिलेहेह। शिष्य- इच्छं।
शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भग. उपधि मुहपत्ति पडिलेहुं। गुरूपडिलेहेह। शिष्य - इच्छं।
मुहपत्ति का पडिलेहण करें।
शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भग. सज्झाय संदिसाहुं। गुरूसंदिसावेह। शिष्य- इच्छं।
शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भग. सज्झाय करूं। गुरू- करेह। शिष्यइच्छं।
एक नवकार बोलकर धम्मो मंगल. की पाँच गाथाएं बोलकर एक नवकार गिने। भोजन मंडली निक्षेप विधि
खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् भोयण मंडली तवं निक्खिवह। गुरू- निक्खिकामो। शिष्य- इच्छं।
खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् भोयण मंडली तवं निक्खिवणत्यं काउसग्गं करूँ। गुरू- करेह। शिष्य- इच्छं।
खमा. इच्छाकारेण संदिसह भगवन् भोयण मंडली तवं निक्खिवणत्थं करेमि काउसग्गं अन्नत्थ. कहकर एक नवकार का कायोत्सर्ग करें। व पारकर .. 94 / योग विधि