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* जेठ सुद १ रविवार दिनांक ४-६-८६ के दिन नवग्रहादि, पाटलापूजन तथा श्री मणिभद्र पूजन विधिपूर्वक हुआ।
* जेठ सुद २ सोमवार दिनांक ५-६-८६ के दिन जलयात्रा का भव्य वरघोड़ा निकाला गया।
* जेठ सुद ३ मंगलवार दिनांक ६-६-८६ के दिन बृहद् अष्टोत्तरीस्नात्र विधिपूर्वक पढ़ाया गया ।
(१५) गुड़ा एन्दला में उद्यापनयुक्त महोत्सव
१. जेठ सुद ५ गुरुवार दिनांक ८-६-८६ को प्रातः गुड़ा एन्दला में पधारे शास्त्र-विशारद परम पूज्याचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. आदि का श्रीसंघ की तरफ से बैन्डयुक्त स्वागत हुआ। श्री पार्श्वनाथ जिनमन्दिर के वर्षगाँठ निमित्त शिखर पर नूतन ध्वजा विधिपूर्वक चढ़ाने में आई। उद्यापनयुक्त अष्टाह्निका-महोत्सव में आज श्री सिद्धचक्र महापूजन विधिपूर्वक पढ़ाई गई। श्री सिद्धचक्र महापूजन पढ़ाने वाले महानुभाव के घर पर भी पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. के चतुर्विध संघ के साथ बैन्डयुक्त पगलियाँ हुए । ज्ञानपूजन एवं मंगलाचरण के पश्चाद् संघपूजा हुई।
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