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AAAAAAAMANASANANASAN 4 श्रीनेमि-लावण्य-दक्ष-सुशील ग्रन्थमाला रत्न ६८ वा )
विश्ववन्ध-विश्वविभु-देवाधिदेव
तीर्थकर परमात्मा श्री जिनेश्वर भगवान के मन्दिरादि का दिग्दर्शक
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श्रीजिनमन्दिरादि-लेखसंग्रह।
* लेखक * शासनसम्राट्-परमपूज्याचार्य महाराजाधिराज श्रीमद् विजयनेमिसूरीश्वरजी म. सा. के दिव्यपट्टालंकार-साहित्यसम्राट्-परमपूज्याचार्यप्रवर श्रीमद् विजयलावण्यसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर - धर्मप्रभावक - परमपूज्याचार्यवर्य श्रीमद् । विजय दक्षसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर-जैनधर्मदिवाकरपूज्यपाद-प्राचार्यदेव श्रीमद् विजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा.
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* सम्पादक *
ज्ञानाभ्यासी - तपस्वी पूज्य मुनिराज श्री रविचन्द्र विजयजी महाराज
Ramdadabad