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रिद्धि के दातार श्री गौतम स्वामीजी महाराज
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गुणायाजी
श्री गुणायाजी तीर्थ
तीर्थाधिराज * श्री गौतमस्वामी महाराज, पद्मासनस्थ श्वेतवर्ण, लगभग 30 से. मी. । ( श्वेताम्बर मन्दिर ) ।
तीर्थ स्थल * नवादा स्टेशन से 2 कि. मी. गुणायाजी गाँव में मुख्य मार्ग से 200 मीटर दूर सरोवर के मध्य ।
प्राचीनता * राजगृही के इतिहास में गुणशील चैत्य का वर्णन आता है । लेकिन एक मान्यतानुसार गुणशील का अपभ्रंश ही गुणायाजी नाम हुआ माना जाता है । जहाँ भगवान महावीर का अनेकों बार पदार्पण हुआ व समवसरण रचे गये थे ।
एक और मतानुसार प्रभु के प्रथम गणधर श्री गौतमस्वामीजी ने यहाँ केवलज्ञान प्राप्त किया । कुछ भी हो यह तीर्थ क्षेत्र भी भगवान महावीर के समय का है ।
विशिष्टता * गुणायाजी ही गुणशील चैत्य का अपभ्रंश माना जाने के कारण यहाँ की महान विशेषता हो जाती है । क्योंकि भगवान महावीर का अनेकों बार गुणशील चैत्य में ठहरने का उल्लेख आता है । श्री गौतमस्वामीजी को केवलज्ञान भी यहीं हुआ माना जाता है । रिधी के दातार श्री गौतम स्वामीजी म. सा. साक्षात् है । उनका प्रत्यक्ष परचा है । आने वाले दर्शनार्थियों की मनोकामना पूर्ण होती है । ऐसा भक्तों द्वारा अभिहित किया जाता है ।
अन्य मन्दिर * इसके अतिरिक्त एक दिगम्बर मन्दिर भी हैं ।
कला और सौन्दर्य * इस जल मन्दिर की निर्माण शैली देखते ही पावापुरी का जल मन्दिर स्मरण हो आता है । मन्दिर के सामने एक तोरण है, जिसकी कला दर्शनीय है ।
मार्ग दर्शन * नजदीक का स्टेशन नवादा 3 कि. मी. है। नवादा गाँव 2 कि. मी. है। नवादा से बस, आटो की सुविधा है । गुणियाजी छोटा गाँव है । पटना से रांची मुख्य मार्ग पर यह गाँव है । मन्दिर से मुख्य सड़क 1/4 कि. मी. है । मंदिर तक कार व बस जा सकती है । पावापुरी से यह स्थल 23 कि. मी. है ।