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कला और सौन्दर्य * यह स्थान जंगल में स्थित पहाड़ी पर अत्यधिक सुन्दर एवं भव्य प्रतीत होता है । यहाँ के पहाड़ी पर से जंगल और छोटे छोटे गाँवों में हरे-भरे लहलहाते खेतों का दृश्य सुन्दर और आकर्षक लगता है ।
मार्ग दर्शन * यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन हाथकणंगडे है, जो कोल्हापूर से मिरज रोड़ में स्थित है । वहाँ से तीर्थ स्थल की दूरी 8 कि. मी. है । जहाँ से बस, टेक्सी व आटो की सुविधाएँ है । कोल्हापूर, सांगली व मिरज से तीर्थ स्थल की दूरी लगभग 30 कि. मी. है, जो कोल्हापूर-मिरज मार्ग में स्थित है । तीर्थ स्थल के समीप तक पक्की सड़क है । पहाड़ पर चढ़ने के लिए 360 सीढ़ियाँ बनी हुई है, सिर्फ 15 मिनट का रास्ता है ।
सुविधाएँ * पहाड़ की तलहटी में सर्वसुविधायुक्त विशाल धर्मशाला है, जहाँ पर भोजनशाला की भी
सुविधा उपलब्ध है । पहाड़ पर भी मन्दिर के पास ही पहाड़ पर मन्दिर का दृश्य-कुंभोजगिरि
धर्मशाला है, जहाँ पर पानी, बिजली की सुविधा है । भाता भी दिया जाता है । यहाँ पर तलहटी के पास साधु-साध्वीजी के लिए अलग उपाश्रय व आराधना हाल है । संघ वालों के लिए अलग से रसोडे की भी
सुविधाएँ उपलब्ध है । श्री कुम्भोजगिरि तीर्थ
पेढी *श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर
मन्दिर ट्रस्ट, कुम्भोजगिरि तीर्थ, तीर्थाधिराज * श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ भगवान, पोस्ट : बाहुबली - 416 113. तालुका : हाथकणंगडे, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग एक मीटर (श्वे. मन्दिर)। जिला : कोल्हापुर, प्रान्त : महाराष्ट्र,
तीर्थ स्थल * छोटी पहाडी के ऊपर जंगल में । फोन : 0230-584445. प्राचीनता * यहाँ की सही प्राचीनता का पता
0230-584456 (पहाड़ पर) | लगाना मुश्किल है, इस मन्दिर का पुनः उद्धार होकर प्रतिष्ठा विक्रम संवत् 1926 माघ शुक्ला 7 को हुए का उल्लेख है ।
विशिष्टता * श्वेताम्बर समुदाय इसे दक्षिण महाराष्ट्र का शत्रुजय मानते हैं । कार्तिक पूर्णिमा, चैत्र पूर्णिमा व पोष कृष्णा 10 को यहाँ पर मेला लगता है । उन अवसरों पर हजारों भक्तगण भाग लेकर प्रभु भक्ति का लाभ लेते हैं ।
अन्य मन्दिर * वर्तमान में इसके अतिरिक्त एक और दिगम्बर मन्दिर हैं । व तलहटी में एक श्वेताम्बर मन्दिर है ।
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