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श्री कारकल तीर्थ
तीर्थाधिराज * श्री नेमिनाथ भगवान, श्याम वर्ण, अर्द्ध पद्मासन की मुद्रा में - लगभग 137 सें. मी. (साढ़े चार फुट) (दि. मन्दिर) ।। तीर्थ स्थल * कारकल गाँव के निकट ।
प्राचीनता * विक्रम संवत् 1514 में राजा अभिनव पाण्डिय देवा ने इस मन्दिर के लिए धनराशि भेंट दी थी ऐसा उल्लेख मिलता है । इसलिए यह सिद्ध होता है कि यह तीर्थ उससे प्राचीन है ।
विशिष्टता * मन्दिर के सामने 1798 सें. मी. (59 फुट) ऊँचा एक 'मान स्तम्भ' है, जो एक ही पत्थर का बना हुआ है । ऐसा अन्यत्र देखना दुर्लभ है । देव मूर्तियों के निर्माण कार्य के लिए यहाँ का पत्थर मजबूत और उत्तम माना जाता है। यहाँ आज भी मूर्तिकारों की कला और उनकी बनायी मूर्तियाँ लोगों के पूजा घरों में और मन्दिरों में स्थान पाती हैं। यह यहाँ की प्रसिद्धि है ।
अन्य मन्दिर * गाँव के निकट पहाड़ी पर श्री बाहुबली भगवान की 41 फुट (1250 सें. मी.) ऊंची मूर्ति की प्रतिष्ठा जैन राजा श्री वीर पाण्डिय भेरे ने विक्रम संवत् 1525 दिनांक 16.2.1468 के शुभ दिन करवायी थी । उस समय, विजयनगर के जैन राजा देवराणा भी उपस्थित थे । पहाड़ी पर एक और श्री आदीश्वर भगवान का मन्दिर है, जिसमें चौमुखी प्रतिमा है । हीरे अगड़ी में 8 और मन्दिर है ।
कला और सौन्दर्य * यहाँ की मूर्ति कला प्रसिद्ध है । यहाँ अनेकों कलापूर्ण प्रभु प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं ।
मार्ग दर्शन * नजदीक का रेल्वे स्टेशन मेंगलूर 51 कि. मी. है । कारकल गाँव से मन्दिर 12 कि. मी. की दूरी पर है । यह तीर्थ स्थल मेंगलूर-शिमोगा रोड़ पर स्थित है । मन्दिर तक पक्की सड़क है । यहाँ पर टेक्सी आटो की सुविधा उपलब्ध है । यहाँ से वारंग 22 कि. मी., उड़िपी 38 कि. मी. मूडबिद्री 17 कि. मी. दूर है ।
सुविधाएँ * ठहरने के लिए मन्दिर के निकट ही सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है । पूर्व सुचना देने पर भोजन की व्यवस्था भी हो सकती है ।
पेढ़ी * श्री कारकल जैन मठ, (श्री नेमिनाथ भगवान दिगम्बर जैन मन्दिर) । स्वस्ति श्री ललित कीर्ति स्वामीजी, पोस्ट : कारकल - 574 104. तहसील : कारकल, जिला : उड़िपी, प्रान्त : कर्नाटक, फोन : 08258-23977.
प्रसिद्ध मानस्थंभ-कारकल
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