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________________ आगम के अनमोल मोती 1) सर्वज्ञ भी अल्पज्ञ का विनय करते है : छद्मस्थ गुरु का उनका शिष्य केवली बनने के बाद भी उन छद्मस्थ गुरुदेव का विनय करते है । अहा । जिनशासन में उपकारी के उपकारों के महत्व को भूलाया नहीं गया ना ? दश० अ. 9 2) पंचेन्द्रिय जीव की सुक्ष्मता का वर्णन : एक करोड़ पूर्व वर्ष की उम्रवाला पंचेन्द्रियतिर्यञ्च, अंगुल के असंख्यातवे भाग प्रमाण क्षेत्र में रहता है । सुई के नोक से भी बहुत ही छोटी जगह जो चर्मचक्षुओं से नही देखी जा सकती है । भग. श. 24 नवग्रेवयक में अभवी भी जाता है द्रव्य चारित्र भी निष्फल नही होता है, नवग्रैवेयक के कुल 318 विमानों में अभवी जीवों ने अनंत अनंत बार जन्म लिया है, प्रवृतिरूप साध्वाचार से पुण्य बल प्राप्त होता है । 3) 4) 5) भग. श. 13. उ01 नारकी में असंख्यात जीव है । सातवी नरक में असंख्य जीव है, उनसे छुट्टी में असंख्यात गुणा, उससे पांचवी में असं. गुणा होते है। छहनरक के जीवों से भी प्रथम नरक के जीव असंख्यात गुणा अधिक होते है । पनवणा पद 3 अनंतकाल अनंत साथ में अनंतो के साथ अनंत काल तक यह जीव साथ में रहा है। अनंत के साथ में ही जन्ममरण, आहार आदि साथ में ही होता था ना ? जब अनंत के साथ एडजस्ट हो चुका है, अब क्यो न ? भग. श, 24 6) एक सामायिक जितना भी जीवन नही । अनंत काल तक निगोद के जीव पर्याय में आयु इतनी थोड़ी होती है कि 1 मुहुर्त में 30 65536 बार जन्म मरण कर लेता है । भग श. 24 7) पवित्र क्षेत्र 45.00.000 यो. अढ़ाई द्वीप के द्वीप व समुद्र का एक भी स्थान ऐसा शेष नही रहा है, जहां से अनंत जीव मोक्ष न गए हो, प्रत्येक आकाश प्रदेश "निर्वाण धाम है” | पन्नवणा पद 20 8) एक सैकंड में कितने मरण : सूक्ष्म वनस्पति के जीव : 23 बार एक सैकंड में प्रत्येक वनस्पति के जीव: 11 बार एक सैकंड में चार स्थावर के जीव: 4 भव एक सैकंड में बेइन्द्रिय के जीव: 1 भव 6 सैकंड में तेइन्द्रिय के जीव: 1 भव 48 सैकंड में चौरेन्द्रिय के जीव: 1 भव 72 सैकंड में असन्नी पंचेन्द्रिय के जीव: 1 भव 2 मिनट में (ग्रन्थों के आधार पर सब से अल्प उम्र भव की) 9) लम्बी से लम्बी कितनी उम्र है ? पृथ्वी काय के एक जीव की - 22000 वर्ष अप काय के एक जीव की - 7000 वर्ष ते काय के एक जीव की वायु काय के एक जीव की - 3 दिन रात वनस्पति के एक जीव की 10,000 वर्ष बेइन्द्रिय के 1 जीव की उम्र 1 भव में 12 वर्ष 3000 वर्ष उम्र - 1 भव में - तेइन्द्रिय के 1 जीव की उम्र 1 भव में 49 दिन चौरेन्द्रिय के 1 जीव की उम्र 1 भव में 6 मास, असन्नी पंचेन्द्रिय 1 जीव की उम्र - 1 भव में करोड़ पूर्व वर्ष । सन्नी पंचेन्द्रिय 1 जीव की उम्र 33 सागरोपम जीवाभिगम प्रति. - प्रति. -3
SR No.002325
Book TitleVinay Bodhi Kan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaymuni
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sangh
Publication Year2014
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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