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________________ मेहता आराधना भवन कोयम्बतुर बधाई के पात्र है। । प्रश्न उत्तर द्वारा आगमों का जो ज्ञान हमें दिया है। वह बहुत बहुत बधाई। बहुत उत्तम है। इतनी सरल भाषा में आगमों की जानकारी . महेन्द्र जिन्दाणी, साकेत नगर, इन्दौर (म.प्र) देकर गुरूदेव इस पुस्तक को पढ़ने वालों के मन में आगमों . के स्वाध्याय प्रति उत्सुकता व इच्छा बढ़ायेंगे। आपके द्वारा भेजी गई स्मृति 'विनय बोधि कण' सुरक्षित गौतम चंद गोलेच्छा, घाटकोपर मुम्बई प्राप्त हुई। अभी अभी खोला है। स्व. पूजनीय मातुश्री मणिबेन किर्तीलाल मेहता को समर्पित इस अंक का अध्ययन आप जैसा सज्जन श्रावक बहुत कम देखने में आये है। करने के पश्चात समीक्षा छापकर पत्र सातवाँ दिन गौरान्वित जो समाज का ध्यान रखते हुए 'विनय बोधि कण' ग्रन्थ होगा। को समाज तक पहुँचने के बारे में निरन्तर प्रयास कर रहे सातवौँ दिन पत्रिका, डॉ. विनोद कोचर, बालाघाट (म.प्र) हैं। आपने ग्रन्थ की जो पेकिंग की है, उसके लिये आपको 'विनय बोधि कण' पुस्तक हाथ में लेने पर छोड़ना नहीं धन्यवाद। आपको धर्म दलाली का पूरा लाभ प्राप्त होगा। मालूम पड़ा। पुरा पढ़ने की कोशिश कर रहा हूँ। अभी सारे भारत वर्ष में उसकी प्रतियां भेजकर आपने जो धर्म बहुत से भाई और बहनों ने लाभ लिया है। और भी इससे दलाली कमाई है, प्रभु से प्रार्थना है कि आपको अवश्य लाभान्वित होंगे। लाभ मिले। किसनलाल रतनचंद मुनोत सतपाल जैन, जैन गली, टोहाना, जिला फतेहबाद (हरियाणा) जैन स्वाध्याय, भवन, बीड (महाराष्ट्र) ३२ शास्त्रों का मंथन करके भी जो हमें प्राप्त नहीं हुआ।वह 'विनय बोधि कण' की सुन्दरता देखते ही बनती है। नवनीत रूपी बोध इस महा साहित्य को पढ़कर प्राप्त हो उसमें जो गुढ़ प्रश्न उत्तर गुरूदेव के मुखारविंद से समझाये रहा है। विनय बोधि कण’ सागर के मोती स्वरूप लग रहा गये है। उनको पढ़कर सुश्रावक बोधि को प्राप्त हो सकता है। ‘विनय बोधि कण' रूपी इस महान ग्रन्थ में ३२ शास्त्रों है। ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है। गुरूदेव का उपकार है। का निचोड़ है। स्तवनों को स्वाध्याय में गाते हुए हमेशा गुरूदेव को याद सूर्यकान्त पारख, होलनाथा (M.S.) करते रहते हैं। डॉ. उत्तम जैन, कालानीनगर, इन्दौर (म.प्र) जैन रत्न पुस्तकालय-भोपालगढ़ में दर्ज कर लिया गया है। स्वाध्याय करने वालों को नियमित रूप से पढ़ने हेतु दिया 'विनय बोधि कण' हमें बेहद पसंद आई, यह पुस्तक जायेगा। अत्यन्त जीवनोपयोगी व जीवन तारणहार ग्रन्थ हम और मंगवाना चाहते है सो आप कृपा कर VPP द्वारा है। अत्यन्त हर्ष व सधन्यवाद! भिजवावें। सोहनलाल बोथरा, भोपालगढ़ (राज.) आनंदीलाल बड़ाला, सनवाड उदयपुर (राजस्थान) 'विनय बोधि कण' डाक से प्राप्त हई। 'विनय बोधि कण'. भाग १,२और ३ अतिरिक्त भेजे, जिसकी अत्यावश्यकता 'विनय बोधि कण' मैनें मदनगंजसंघ, संघ तथा है। जो हमारी पुस्तकालय में सूचीबद्ध होगी। ताकि सभी वृजमधुकर संघ को दे दिए है और ये सभी अजमेर से श्री को (चतुर्विध संघ) लाभान्वित किया जा सके। गुमानमलजी लूणिया से लाये थे। ऐसा ही आशीर्वाद पुरुषोत्तम धारीवाल, मेनेजर, सुधर्मसंघ, शास्त्री नगर जोधपुर (राज) मिलता रहे, आप जीओ लाखो साल। एस.एल जैन, मदनगंज, (राजस्थान) 'विनय बोधि कण' ग्रन्थ अति उत्तम व स्वाध्याय करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है। अतः यह ग्रन्थ मैने संघ के अत्यन्त उपयोगी, श्रेष्ठ ज्ञान का भण्डार ‘विनय बोधि पुस्तकालय में रख दिया है। राजस्थान में कोई भी संत कण' प्राप्त हुआ, पुस्तक प्राप्त कर अत्यन्त ही प्रसन्नता सतीवृंद के मंगाने पर पढने के लिए दे देंगे। बहुत ही प्राप्त हुई। महत्वपूर्ण ज्ञान अन्यों को भी देने का है। रोचक व अच्छी लगी। वीरेन्द्र कोठारी, औबेदुल्लागंज (म.प्र) बुधराज झामड़, मेड़ता सिटी (राज) “विनय बोधिकण" प्राप्त हुआ। स्वाध्याय करके बड़ी खुशी 'विनय बोधि कण' (प्रश्नोत्तर की किताब) प्राप्त हुई। विनय हुई। मुनिश्री ने खूब खोज तथा मेहनत की। आराधना में संग्रहित प्रत्येक भजन वैराग्य भावना से भरपूर प्रताप सिंह जैन, जनपथ समाचार सिलीगुड़ी (आसाम) | है। आपका प्रयास बहुत ही महान है। आप जिनशासन एवं
SR No.002325
Book TitleVinay Bodhi Kan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaymuni
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sangh
Publication Year2014
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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