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________________ है। जिससे गुजरात के घर घर में ये पुस्तकें ज्ञानपिपासु | विषय वस्तु को प्रश्नोत्तर रूप में रखने का आपका यह पढ़ सके। अनुमति चाहते है प्रकाशन करने की। प्रयास तो सदियों से स्तुत्य व अनुकरणीय रहा है। अधिक भरत भाई शाह, जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, नवरंगपुरा, अहमदाबाद (गुज.) क्या कहुं, इस पुस्तक का अंग्रेजी, तमिल, गुजराती आदि भाषाओं में अनुवाद अवश्य कराया जाना चाहिए, जिससे गागर में सागर वत् छोटे छोटे वाक्यांश बहुत ही अर्थ समेटे जिनवाणी की सुन्दर प्रभावना की जा सकती है। हुए है। हर एक भाई व बहन को कम से कम एक बार प्रोफेसर डॉ. प्रियदर्शना राखेचा अवश्य पढ़नी चाहिए। जैनोलोजी मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई (T.N) जी.एम.बुधमल (अध्यक्ष) सम्पतराज डागा मन्त्री श्री वी.एस.जैन संघ, मंडया (Kar) गुरुजी आप पधारे, प्रतिष्ठा हुई आपका प्रत्यक्ष-परोक्ष आशीर्वाद सदैव हमारे पर बना रहे। हम लोगों पर इतना धर्मानुरागी उदार हृदयी शासन रसिक, शासनरत्न बड़ा उपकार किया है, सदैव ऋणी रहेंगे। डॉ. उषाजी मेहता, श्री पंकजजीसा मेहता, श्री कौशिक सन् २०१० गौतम गिरिश कटारिया ऊटी (T.N) जी.सा मेहता, श्री परेशजीसा मेहता स्वाध्याय मंडल साकेत में सन् १९९५ से निरन्तर व नियमित सभी को सविनय सादर चरण वंदन, आपश्री द्वारा प्रेषित सामायिक व शास्त्र स्वध्याय हो रहा है। 'विनय बोधि कण' 'विनय बोधि कण' को ग्रन्थ रूप पाकर अत्यंत आनंद हुआ। ग्रन्थ स्वाध्यायार्थ अति ही सहज व सरल भाषा में, जो . धन्य है आपकी मातुश्री मणिबेन जिनके दिव्य संस्कारों की इन्दौर में सिखाये श्रुतज्ञान का ही दर्पण रूप लगता है। वजह से आप समाज रत्न हो पाये है। ग्रन्थ के प्रकाशक, व्यवस्थापक सभी को धन्यवाद देते है। स्वाध्याय मंडल, साकेतनगर इन्दौर-१८(म.प्र) मेहता परिवार का धर्म प्रेम . शासन सेवा, अद्भुत गुरु भक्ति देखकर मन अत्यन्त आल्हादित हुआ। सन् १९९२ में हुए चातुर्मास में अहिंसा विहार संघ में पू. माता की भावनाओं का मूर्त रूप 'विनय बोधि कण' है। एक 'खींचन' म.सा ने जो स्वाध्याय की नींव रखी थी। धर्म बीज अनुपम अद्वितीय संकलन है। दो प्रति हो सके तो भेजे, जो के फल स्वरूप में हमें 'विनय बोधि कण' (कुल दश भाग) भी निर्धारित शुल्क होगा, देने के भाव रखते हैं। देखने-पढ़ने आत्मसात करने तथा उपकारी का ऋण चुकाने का समय आ गया है।श्रुतज्ञान की छोटी सी ज्ञान वाटिका अरविंद कोठारी, भीलवाड़ा शहर (राज.) रूप ग्रन्थ सदैव स्वाध्याय की सौरभ फैलायेगा। अहिंसा ग्रन्थ ज्ञान - धर्म से ओत प्रोत व कल्याणार्थ बन पड़ा है। विहार संघ के सभी श्रद्धालुजनों ने भूरि भूरि प्रशंसा व आप सभी मोक्ष मार्ग पर बैठे है। यह पुण्य कर्मों का ही फल अनुमोदना की है। श्रीमती दीपा देवेन्द्र जैन, मन्त्री श्री श्रुतविनय विराङ्गनास्वरूपचंद जैन, पूर्व विधायक व महापौर, रायपुर (छ.ग) दि. २८-११-२०१२ महिला मंडल, अहिंसा विहार, दिल्ली८५ कोठारी सा द्वारा प्रेषित 'विनय बोधि कण' प्राप्त हुई। अत्यन्त हर्ष एवं प्रमोद के साथ कृतज्ञता के भाव से ओत प्रोत होने 'विनय बोधि कण' ग्रन्थ बहुत ही सार्थक एवं सारगर्भित है। का सुन्दर सुअवसर प्राप्त हुआ। आपने इस तुच्छ जीव को आप जैसे महान कृपालु ही जनसाधारण के लिए इतना याद किया और प्रति भिजवाई। उसके लिए "कृतज्ञोऽस्मि" महान ज्ञान उपलब्ध करा पाये है। 'विनय बोधि कण' की मैं कृतार्थ हुई। जानकारी सर्वत्र न केवल राष्ट्र में अपितु विदेशों में भी जो पुस्तक जिस दिन से प्राप्त हुई उस दिन से मेरे M.A के जैन साहित्य को पढ़ना चाहते है, उन्हें भी प्राप्त हो सके। छात्र छात्राओं के पास Circulate हो रही थी। दो तीन ने ऐसा कुछ कीजिये। तो नित्य पठन हेतु xerox भी करवा लिया। उनके पारिवारिक सुमति कुमार जैन, जगमग दीप ज्योति, अलवर (राज.) जनों ने भी इस पुस्तक की सराहना की है। पुस्तक की साज 'विनय बोधि कण' का कवर पृष्ठ व पैकिंग बहुत ही सुन्दर सज्जा तो सुन्दर है ही, व मुद्रण भी आकर्षक है। है। छपाई सुन्दर है। विषयों का समायोजन आज के संदर्भ
SR No.002325
Book TitleVinay Bodhi Kan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaymuni
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sangh
Publication Year2014
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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