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________________ ॥ गाहा ॥ सुकझाणं झावि णियमणि करिवि कम्मणिम्महणं उपाएविणु णाणं भव्वो जाएइ सिवठाणं ॥ छ ॥ इत्थंतरि गिहकम्मु सु छट्ठउ दाणु हिउ हिकम्महो सारउ दाणु पसिद्धि पुण्ण उप्पायणु दाणु तिलोयहु मोहु कारणु दाणु लोइ वसियरणु णिरुत्त उ दाणु जाइकुलणामुज्जोयणु दाणु होइ दुग्गइणिण्णासणु Jo दाणु इक्कु सुयणत्तणु पोसइ दाणु विकामधे सुरतरुवरु दाणु वि सिद्धमंतु पयडियफलु २२८ दाणु करतें सावरण 14 इयरु वि दिण्णउ सो अणि दाणु णिरूमि धम्मवरिट्ठउ दाणु होइ दुरियावहिवारउ दाणु सयलकल्लाणह भायणु दाणु भोयमहिसुहवित्थारणु दाणु गुरुत्तहो हेउ उत्तउ दाणु सुपत्तसंगसंजोयणु दाणु अवसु सुग्गइउन्भासणु दाणु विवेरियमणु संतोसइ दाणु वि चिंतामणि चिंतिययरु दाणु वि बीयक्खरु हयकलिमलु ॥ घन्ता ॥ देउ मुणेवि विसुद्ध दिजइ बहुपावेण सुहु मइलिज्जइ ॥ ९॥ 7. हेउ - हेतु. II. चिंतिययरु चिंतित IX. 6. भोयमहि - भोगभूमिः कारकः. 13. देउ - देण योग्यं. [ Kadavaka 9.] 1. B. करेत्रि. 2. BC. सिवठाणं for A. णिययठाणं. 3. B. एत्थंतरि; धम्म; 4. B. दुरियाववारउ 5. BC. हैं. 6. BC. 'हो; 'हो. 9. C. सुग्गइहि; the line is wrongly repeated by the scribe 10. B. एक्कु; C. संतोसें. 12. B. वीक्खतु; C. सिद्धिमंतु 13. B. सावरण; C. करेंतें. 14. B. उं; अवसु for अणिसु; C. दिण्णउं.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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