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________________ २१२ जो कुपति णियदाणु पयासइ सो कुभोयभूमिहि सुहु विलसइ . मिच्छालिंगिय जीउ ण जाणहि अण्णाणिय तवमग्गु वियाणहि गहियदिक्ख विसयहि सुहु भावहि णवि सम्मत्तहो णियमणु दावहि ते इह कुच्छियपत्त पवुचहि कहवि ण दुक्कम्मेहि विमुच्चहि भट्टभंडगायणजूवारिय जणु वंचहि कुलिंगपरिवारिय तं अपत्तु अवसे मण्णिज्जइ णिप्फलु तासु दाणु जं दिज्जइ जिह सुबीउ ऊसरि विणिहित्तउ जिह भफरि हुउ ठविउ पवित्तउ जिह पडिवण्णु विसुद्धउ दुजणि जिह कामिणिकडक्ख मुणिवरमणि तिह तहो दाणु दिण्णु णिरु णिप्फलु दाणे सो उप्पायइ सइ मलु "जिह जल कजलमज्झिवि णिम्मलु णिहिउ जणइ कसणत्तणु केवल दाणु अपत्ति दिण्णु तह दुकिउ बहुविहु जीवहो देह अतक्किउ ॥ घत्ता॥ तेण ण पुण्णु समुन्भवइ वड्वइ पाउ णिरारिउ 13 जुज्झेवइ पासहो णासणउ जिह रणि जायइ भारिउ ॥१२॥ _XII. 6. णिष्कलु - वृथा भवति. 7. भप्फरि हुउ - भस्मनि घृताहुति; C.- जहा भस्ममध्ये होमादिकं वृथा तथा. 9. तहो - अपात्रस्य. II. अतक्किउ - अवांच्छितः. 12. णिरारिउ - निश्चितं. [Kadavaka 12.] I. A. णियदाणि पवासइ; BC. हिं; णियदाणु पयासइ. 2.A. मिच्छालिंगिहि; जाणिहि; वियाणिहि; BC. °लिंगिय; जाणहिं; वियाणहिं. 3. A. दाविहिं; B. °विसयह; C. विसयहिं; BC. °हिं; दावहिं. 4. A. °पत्तु; BC. °पत्त; °हिं; °हिं. 5. A. जूयारिय; B. °जूवारिय; °हिं. 6. A. अप्पत्तु; B. अपत्तु. 7. A. जिह चप्परि हुउ विउ पवित्तउ; BC. जह all throughout; BC. जह भप्फरि हुउ ठविउ. 9. A. उप्पइसइ सइ मलु; B. दाणे सो उप्पायइ सई मलु; C. उप्पाइस्सइ मलु. I0. A. जल कजलु मज्झि; कसत्तणु कंव्वलु. B. जणई कसणत्तणु केवलु; C. जलु कजलमज्झि; किसणत्तणु केवलु. II. A. अप्पत्ति; B. अपत्तिः जीवहं; C वहुविह. 12. C. समुव्वहइ; 13. A. झुझेवा पासिह, रण; B. पासहो; उं जह रणे C. जुज्झेवइ पासहो णासणउ; जह रणि जाइय.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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