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________________ जिह सयलंगह पुणु उत्तमु सिरु जिह रुक्खह मि मज्झि सुरतरु वरु तिह सयलह जम्मह वि पहाणउ मणुयजम्मु सुविवेयसमाणउ विहिवसेण तं जीउ समजइ जइ णिम्मलु सम्मत्तु पउज्जइ ०णंतो सो चउरासीलक्खइ जीवह जोणिहि दावियदुक्खइ हिंडंतउ थावरवियलत्तणु लहइ पावणिन्भरु मणुयत्तणु कालवसेण तित्थु णीसरियउ माणउ होइ कुकम्में भरियउ अजवखंडि तह व उप्पजइ जाइवि मिच्छह जम्मि णिमजा कह मि अजवखंडि सुप्पण्णउ ण वि हवेइ पुणु इंदियपुण्णउ ॥ घत्ता॥ पुणिदियत्ति वियलंगु पुणु 16 परिपुण्णगत्तु अह जइ लहइ णरु तो मूकहलु उप्पज्जइ उत्तमकुलु ण समजइ ॥७॥ ॥ सुंदरी॥ कह व किलेसें उत्तमकुलि जइ संभमिउ विसयकसायपमायइ ता हिंडइ दमिउ खणु मुक्काउ जइ तेहि मि ता मिच्छत्तमइ कुगुरुकुदेवकुधम्मतवेहि करेइ मइ ॥ छ । VII. 9. तं - तत् मनुष्यजन्म. 10. णं तो - नो चेत् . 15. पुण्णिदियत्ति - चेत् परिपूर्णेद्रियो भवति. ई; °ई C. जह पव्ववपहाण; जड all throughout. 7. A. उत्तम; B. जह; °ई; जह; ई. C. ई; उत्तमु; वि for मि. 8. B. तह; इं; ई; उं; °3; C.इं; °ह; उं. 9. B. °वसेण तं; C. तं for A. तह; °ई; पउं जइं. 10. B. °ई; °ह; °हिं; °ई C. ई. II. C. वियलत्तउ. 21. A. तिथु; C. णिष्भरतरिय नणु. 13. B. णोपजइ; °ह; C. णिम्मजइ. 14. A. णव्वीहइ; B. कहं वि; °खंडि; उं; णवि हवेड; °उं; C. णवि हवय पुणु इंदियपुण्णउ. 15. A. पुलिंदियत्तिणे विकलागगंड पुणु णरुलो मूकहलु उप्पजइ; BC. पुण्णिदियत्ति वियलंगु पुणु णरु तो मूकहलु उप्पजइ only; B. having विकलंगू; मूकहलुप्पजइ. 16. A. लइ for जइ; उत्तमु; B. अह जइ लहइ उत्तमकुलु; C. अह जइ. [Kadavaka 8.] I. A. उत्तमु कुल; B. 'कुलि; °3; C. °कुलि; "उं. 2. BC. 'पमायहिं; दमिउं. 3. BC. तेहिं. 4. BC. 'हिं करेइ रइ; A. dropsout मइ. 5. B. अवसें
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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