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________________ जो णरु पंचेंदियसुहलालसु दुक्खु सहइ सो भवि भवि सालसु तं ण दुक्खु फणि केसरि कुंजर कूरग्गह सरोस तह वितर 15कु वेय णरेसर अवर वि दुजण एयजम्म विद्धंसणकयमण जीवहु दिति विसय जं भवि भवि उप्पण्णइ सरीरि तह णवि णवि ॥घत्ता ॥ विसयासालुद्धउ पावमइ 18 सुक्कट्रिविदारियतालु दुहु दुक्खु सहंतु ण चेयइ मंडलु जिह बहुवेयइ ॥१॥ ॥ सुंदरी ॥ महुलित्तासिहि धारालिहणहो सपिणहउ विसयह अणुसुक्खासइ दुक्खु वि बहुविहउ तिह वडुंतु ण खिजइ जिह दुग्गइगमणु विसयासत्तहो जीवहो पयडिउ तणुदमणु ॥ छ । उपंचिंदियविसयहि मूढमणु णरु सुक्खु ण सेवइ इक्कखणु पंचिंदियविसयहि णरतियसा खणमित्तें विरहिय अप्पवसा पंचिंदियविसयहि लहु तिरिया हिंडंति कुबुद्धिहि विप्फुरिया पंचिंदियविसयहि पक्खि दुक्खु सेवंति अवर जीव वि असंखु पीडिजमाणु मणकिंकरेहि भवि हिंडइ अइदुम्मइपरेहि पंकजे, कमलमध्ये; सलहु. पतंगा. 13. सालसु - आलससहितः. 16. विसय - पंचेन्द्रियविषयाः. 18. सुक्कट्ठिहि दारियतालु - शुष्कहड्डेन ‘विदारित' ताल दुक्खं; मंडलु - श्वानः. II. I, मधुलित्तासिहि etc. - मधुलिप्तखड्गधारास्वादनस्य. 2. अणुसुक्ख. स्तोकसुख. 4. तणुदमणु - शरीरस्य खेदः. I0. मणरायणिउत्तई etc. - मनराजाआदेशेन B. पंचिंदिय': भवे भवे; C. पंचेंदियकयलालसु दुक्ख. 14. A. °कुंजरा: C. तण्ण दक्ख. 15. A. °कियमण; C. किय. 16. A. सरीरिहि णवि णवि; BC. जीवहो; उप्पण्णइं. 17.C. चेइय. 18. BC. 'हिं; B. जह. [Kudavaka 2.] 2. A. दुक्ख; BC.; B. सुक्खासए; दुक्खु; C. सुक्खासएं; विहुउ. 3. B. तह; जह. 4. C. पयडिय. 5. B. °हे; एक्कु; C. पंचेंदियविसयहिं; °हिं all along the lines in this kadavaka; सुक्ख; एक्कु. 6. A. विरइय for विरहिय; B. 'हिं; मत्ते; B. has variations between 'हिं; 'हे all along. 7. B. तिरिय; विप्फुरिय; BC. कुबुद्धिए. 8. C. यवरजीव. 9. A. हिंडहि; B. पीडिजमाण; °हिं; हिं; हिं.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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