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________________ ॥ गाहा॥ दालिद्दाओ मरणं हवउ वरिटं सुहेण परिपुढे असुणियपरदुव्वयणं अणिरिक्खियलोहिमुहरायं ॥ छ । तहो भासिउ सुणेवि मुणि अक्खइ “सव्वसमीहिउ किंपि ण रक्खइ जीवह धम्मु होइ सुहकारणु बप्पु अवसु दालिद्दणिवारणु धम्में मायबप्प सुहि परियणु पुत्तु कलत्तु बंधु अवरु वि जणु आणायरु बहुणेहु पयासइ दवसरीरेहि आवइ णासइ धम्में सउ हलयइ वरजाणइ णाणाविहसंपइहि समाणइ धम्में चमरचिंधधयछत्तइ अवराइ मि संतोसियचित्तइ धम्में चक्कहरत्तु सुरत्तणु पाविजइ विसुद्धगुणकित्तणु ०सो विधम्मु सुपरिक्खिवि घिप्पइ णंतो अप्पा पावें लिप्पइ जीवदयाइ धम्मु उवइहउ सव्वहि दसणेहि सुइ दिउ मोसतेयपररामावजणु कहिउ धम्मु जणि कित्तिसमजणु ॥ घत्ता ॥ संतोसे णिसिभोयणचयणि धम्मु णरहो उपपजइ 14 तहो मजमंसमहुमक्खणई धम्मवंतु सइ वजह ॥४॥ ___IV. I. दालिदाओ - दारिद्रात् मरणं वरं भवतु; वरिठं - सुखेन परिपुष्टं मेदुरं. 2. लोहिमुहरायं - लोभिमुखरक्तं. 6. दव्वसरीरेहि - वर्तमानपर्यायस्य. 12. मोसअसत्य. 14. मक्खण - नवनीतं. [Kadavaka 4.] I. A. दालिद्दाउ; वरिट सुहण; B. दालिद्दाओ; वरेटुं. 2. A. लोयमुहरागं; B. लोहिमुहरायं. 4. A. सुहसारणु; BC. जीवह; B. सुहकारणु; C. असुइ for अवसु. 5. A. बप्प; B. वप्पु; C. अवरु वंधु वि जणु. 6. B. सरीरिहिं; C. अणायरु; दव्वु सरीरहो. 7. A. हयलइ; B. °हलयइं; जाणई; °हिं; °ई; C. सउ हलयइं; जाणई; संपइ हिं समाणई. 8. A. अवराय मि; B. °धयछत्तई अवराई मि; °ई; C. °धयछत्तई; अवराई; ई. II. BC. °हिं; हिं; C.दिउं. 12. C.जिण for जणि. 13. B. संतोसिं. 14. A. भक्खणई; B. मक्खणई; सई C. तहु.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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