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________________ ॥ घत्ता ॥ सो मुणिवरु वंदिवि दुकिउ प्रिंदिवि धम्मु सुणेवइ लग्गउ 14 तहि पुणु विणयंधरु अइविहियायरु सुद्धसहावसमग्गउ ॥५॥ ॥ दोहऊ ॥ जिणपूयाफलु मुणिवरहो तहो पयडंतहो तेण धूवदाणु सुमहंतगुणु णिसुणिउ इक्कमणेण ॥ छ ।। पुणु सो चिंतवेइ आदण्ण तं सुणेवि णियचित्ति विसण्णउ "कप्पूरायरुचंदणमीसिउ मयणाहीजोयइ सविसेसिउ 5एहउ धूउ धण्णु णरु भत्तउ कोवि जिणहो उक्खिवइ बहुत्तउ हड मि परायत्तउ घणवजिजाउ । किह करेमि तं दुक्खविवजिउ” इय भावंतें तं पडिगाहिउ धूवदाणु तें पुण्णपसाहिउ मुणि पणवेप्पिणु जा घरि आयउ गहियधम्मु रोमंचियकायउ ता इके गंधिइण वरिड धूवपुडउ घणपरिमलपुट्ठउ 1०सत्थाहिवहो समप्पिउ णेहें तेण वि विणयंधरहो सुमोहें वत्थह धूवणत्थु चिंतंतें अप्पिउ धूवहो पुडउ पयत्ते सो तं लेवि पहुत्तउ जिणहरि परमुच्छाहवंतु सोहायरि होइवि सुइसरीरु दिढवत्थें वेढिवि णासाविवरु पसत्थें दहहु धूउ लग्गउ कयभावउ परिमलमिलियभसलघणरावउ 11. तहि - स्वामिनि मुनौ. VI. 6. परायत्तउ - पराधीनः; तं - धूपदानं. 7. C. पडिगाहिउ धूवदाणु - धूपस्य पूजा अंगीकृता. 13. दिढवत्थें - दृढवस्त्रेण. जायवि; B. उवइट्ठउ; ति. 14. A. घयविहियायरु; B. तहिं पइविहियायरु; C. तहिं अइविहियायरु. [Kadavaka 6.] I. A. पयंडंतउ. 2. A. दाण; BC. धूवदाणु; णिसुणि उं एक्कमणेण. 3. B. उं; °उं; C. णिपुणेवि; चित्ते. 4. B. सेल्हारसजोयएं; C. जोयए. 5. A. भुत्तउ; B. भत्तउ; जिणहु; C. भत्तउ. 6. A. तिह for किह; B. हउं; कह; C. हउं; कह for किह. 7. BC. पुण्णु पसाहिउ. 9. A. गंधियण; BC. एकें. 10. A. तेहें for णेहें; सुमेहें; C. सत्थाहिवइ. II. A. अप्पड़ for अप्पिउ; BC. वत्थहं. 12. B. पहुत्तउ; C. पहुत्तउ जिणहरे. 13. B.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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