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________________ "बहु देवि धणं तोसेवि मणं पइ तुहियइ णयणट्ठियइ महु रजसुहं परिचत्तदुहं जायं अचलं विद्दवियखलं . अवरेकविही महु जणइ दिही जीवंतियए सु मरंतियए। मइ सहु जियए जइ पुणु मरए ता तुम्ह सुया सुपसायजुया वुच्चामि जणे हउ इत्थ खणे" ताए विहियं "अह ता हिययं ओसहिजुयलं वित्थरियबलं गिण्हेह सुए अह भत्तिजुए ॥ घत्ता ॥ जीवंतिय वि मुइयसम भावहि एक्कहिं णासें; अवरहि णासहि 18लायइ जीवियब्बु लहु लन्भइ एयह सत्तिए तिहुयणु खुन्भइ ॥६॥ ॥ हेला॥ मइ तुज्झ समीवि संठियई एत्थ वच्छे मा भउ कोवि कुणसु चित्तम्मि अज्ज दच्छे” ॥छ॥ 14. ताए विहियं - मासोपवस्याकृतं. 17. जीविंतिय वि मुइय etc. - एक नासु लीए जीवंती मृता भविष्यति; दुजी नासु लीइ पुनः जीव्यति. 10. B. एं एं; C.सु सुमरतिए. II. A. मरइ; जियइ; B. मई सिहुँ जियए...मरए; C. णं मई सहं जियइ. 12. A. सया for सुया. 13. A. बच्चामि; B. वुच्चामि...हउँ एत्थ; C.वुच्चामि...हउं. 14. B. ताए विहियं अह ताहें हियं; C. ताए वि वदियं अह ताहि हियं. 15.C. उसहजुयलं. 16. Aजए for "जुए; BC. अइभत्तिजुए; C. गिव्हिवि. 17. A. णामहि for तासहि; B. मुयई...भावहिं...णासिं; C. भावहिं; इक्कहिं णासहिं. 18. A. तायइ; B. ता एयइंजीवियव लहु लब्भइ एयह; C. तायए जीवियव्वु; एयएं; तिहुवणु. [Kadavaka7.] 1. B. समीवे संठियई; C. समीवि सठियएं इत्थ वच्छे. 2. B.
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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