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________________ ४४ विवागसुर्यसि तए णं से सयाणीए राया अन्नया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते । तए णं से उदायणकुमारे बहूहिं राईसर° [जाव] सत्थवाहप्पभिईहिं सद्धिं संपरिवुडे रोयमाणे कन्दमाणे कन्दमाणे विलवमाणे सयाणीयस्स रनो महया इड्ढीसक्कारसमुदएणं नीहरणं करेइ । २ बहूइं लोइयाई मयकिच्चाई करेइ । तए णं ते बहवे राईसर° [जाव] °सत्थवाह [0] उदायणं कुमारं महया रायाभिसेएणं अभिसिञ्चन्ति । तए णं से उदायणे कुमारे राया जाए महया [0] । तए णं से बहस्सइदत्ते दारए उदायणस्स रन्नो पुरो10 हियकम्मं करेमाणे सव्वट्ठाणेसु सव्वभूमियासु अन्तेउरे य दिनवियारे जाए यावि होत्था । तए णं से बहस्सइदत्ते पुरोहिए उदायणस्स रन्नो अन्तेउरंसि वेलासु य अवेलासु य काले य अकाले य राओ य विआले य पविसमाणे अन्नया कयाइ पउमावईए देवीए सद्धि संपलग्गे यावि होत्था। 15 पउमावईए देवीए सद्धिं उरालाई भोगभोगाई भुञ्जमाणे विहरइ ॥ ___ इमं च णं उदायणे राया पहाए [जाव] विभूसिए जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ । २ बहस्सइदत्तं पुरोहियं पउमावईदेवीए सद्धि उरालाई भोगभोगाइं भुञ्जमाणं 20 पालइ । २ आसुरुत्ते [०] तिवलियं भिउडिं निडाले साहट्ट बहस्सइदत्तं पुरोहियं पुरिसेहिं गिण्हावेइ [जाव] एएणं विहाणेणं वज्झं आणाविए । एवं खलु गोयमा बहस्सइदत्ते पुरोहिए पुरापोराणाणं [जाव] विहरइ ” ॥ ___ " बहस्सइदत्ते णं, भन्ते, दारए इओ कालगए समाणे 25 कहिं गच्छिहिइ कहिं उववजिहिइ ? " ॥ " गोयमा, बहस्सइदत्ते णं दारए पुरोहिए चोसहि . वासाइं परमाउयं पालइत्ता अज्जेव तिभागावसेसे दिवसे
SR No.002313
Book TitleVivagsuyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1935
Total Pages378
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size20 MB
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