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________________ उज्झियए 'गोयमा, उज्झियए दारए पणवीसं वालाई परमाउयं पालइत्ता अजेव तिभागावलेसे दिबसे सूलीभिन्ने कए समाणे कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयत्ताए उश्वजिहिइ। लेणं तो अणन्तरं उव्यट्टित्ता इहेव जम्बुद्दीके दीवे मारहे बाले वेयड्ढगिरिपायमूले वाणरकुलंलि 5 वाणरत्ताए उवधज्जिहिइ । से णं तत्थ उम्मुक्कबालभावे तिरियभोगेसु मुच्छिए गिछे गढिए अज्झोववन्ने जाए जाए वापर पेलुए वहेइ । तं पयकम्मे [०] कालमासे कालं किच्चा इहेव जम्बुद्दीवे दीवे भारहे वासे इन्दपुरे नयरे गणियाकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिइ । तए णं तं दारयं अम्मापियरो 10 जायमेत्तकं वद्धेहिन्ति, नपुंसगकम्मं सिक्खावेहिन्ति । तए णं तस्स दारयस्स अम्मापियरो निवत्तबारलाहस्स इन एयारूवं नामधेज्जं करेन्ति, तं जहा-'होउ णं अम्हं इसे दारए पियलेणे नामं नपुंसए। तए णं से पियसेणे नपुंसए उम्मुक्कबालभावे जोवणगमणुप्पत्ते विनयपरिणयमेत्ते 15 रूवेण य जोवणेण य लावण्णेण य उकिटे उकिसरीरे भविस्त। तए णं से पियलेणे नपुंसए इन्दपुरे नयरे बहने राईलर [जाव] पभिईओ बहूहि य विज्जापयोगेहि य मन्तचुण्णेहि य हियउड्डावणाहि य निण्हवणेहि य पण्हवणेहि य वसीकरणेहि य आभियोगिएहि य अभियोगित्ता उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं भुञ्जमाणे विहरिस्लइ ॥ 20 तए णं से पियलेणे नपुंसए एयकम्मे [0] सुबहुं पावकम्म समजिणित्ता एकवीसं वासस परमाउयं पाल इत्ता कालमासे कालं किच्चा इमोसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइयत्ताए उववजिहि । तत्तो सरीसवेसु, सुसुमारे, तहेव [जाव] पुढवि' [0] । से णं तओ अणन्तरं उव्यट्टित्ता इहेब जम्बुद्दीवे दीवे 25 भारहे वासे चम्पाए नयरीए महिसत्ताए पच्चायाहिइ । से गं तत्थ अन्नया कयाइ गोहिल्लएहिं जीवियाओ ववरोविए
SR No.002313
Book TitleVivagsuyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherGurjar Granth Ratna Karyalay
Publication Year1935
Total Pages378
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size20 MB
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