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उवागमित्ता अरहं अरिट्ठणेमि वंदइ नमसइ । वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी। "आलित्ते [जाव] धम्ममाइक्खिउं।"
तए णं अरहा अरिट्टणमी पउमावई देवीं सयमेव पवायेइ । पव्वायित्ता सयमेव मुंडावेइ; सयमेव जक्खिणीए अज्जाए सिस्तिणि दलयइ । तए णं सा जक्खिणी अज्जा पउमावई दवीं सयमेव पवाइये जाव] संजमियत्वं । तए णं सा पउमावई अज्जा जाया। ईरियासमिया [जाव गुत्तबंभयारिणी । तए णं सा पउमावई
अज्जाए जक्खिणीए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस 10 अंगाई अहिज्जइ । बहुहिं चउत्थछट्टमट्ठमदसमदुवालसेहिं
मोसद्धमासखमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाण भावेमाणा59 विहरइ । तए णं सा पउमावई अज्जा बहु . पडिपुण्णाई वीस वासाई सामण्णपरियागं पाउणइ । 0
पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेइ । 15 झूसित्ता सहि भत्ताई अणसणाए 61छेदइ । छेदित्ता
जस्सट्टाए कीरइ नग्गभावे 62[जाव] तमढे आरोहेइ । चरिमुस्सासेहि सिद्धा [५] ॥ [Sutra. 9.]
तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई; रेवयए; उज्जाणे नंदणवणे । तत्थ णं बारवईए नयरीए कण्हे 20 वासुदेवे०। तस्स णं कण्हस्स वासुदेवस्स गोरी देवी [वण्णओ]। अरहा समोसढे। कण्हे णिग्गए । गोरी
59 A. भावेमाणी 60 E drops पाउणइ, the text follows AD. 61 A अणसणेणं; all others अणसणाए (ते) 62 The text follows BCE A मुंडभावे जाव D नग्गभावे मंडभावे जाव 63 (५) is ignored by the majority of Mss.