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४०. श्रमण संघ वैयावृत्य स्वरूप श्री चारित्राय नमः । ४९. चन्द्रादि कुल वैयावृत्य स्वरूप श्री चारित्राय नमः । ४२. कौटिकादि गरण वैयावृत्य स्वरूप श्री चारित्राय नमः । ४३. स्त्री पशु पंडकरहित वसतिवास शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
४४. स्त्री सहसराग वार्त्तालाप वर्जन शुद्ध ब्रह्मति स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
४५. स्त्री प्रसन वर्जन शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय
नमः ।
४६. स्त्री सराग अंगोपांग निरीक्षण वर्जन शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
४७. कुडयान्तरित स्त्री पुरुष क्रीड़ा स्थान वर्जन शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
४८. पूर्व मुक्त स्त्री संग क्रीड़ा विलास स्मरण वर्जन शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
४६. सरसाहार वर्जन शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय
नमः ।
५०. प्रति मात्राहार वर्जन शुद्ध ब्रह्मगुप्त स्वरूप श्री चारित्राय
नमः ।
५१. विभूषादि शरीर शोभा वर्जन शुद्ध ब्रह्मस्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
५२. श्री सम्यक् ज्ञान स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
५३. श्री सम्यक् दर्शन स्वरूप श्री चारित्राय नमः ।
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