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णमा लाएसव्यसाहण
जे विय संकप्पवियप्प
वज्जिया हुंति निम्मलप्पारणो । ते चेव नवइपयाई,
नवसु पयेसु च ते चेव ॥
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अर्थ-जो संकल्प-विकल्प वजित निर्मल परिणामी आत्मा
है वही नवपद है और नवपद में भी वही है ।।
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