SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 401
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (३६४) (अत्रैकं इदं शब्द वाच्यं मनुष्य शरीरं। द्वितीयं च एतच्छब्द वाच्यं वनस्पति शरीरम्। इत्यनयो दृष्टान्त दार्टान्तिक योजना) 'इसमें उत्पत्ति धर्म है वैसे इसमें भी है, इसमें वृद्धि धर्म है वैसे इसमें भी वृद्धि धर्म है, इसका चित्त है इस तरह इसे भी है, यह जैसे छेदने के बाद मिल जाता है वैसे यह भी मिल जाता है, यह आहारक है वैसे यह भी है, यह अनित्य है इस तरह यह भी अनित्य है, यह नश्वर है वैसे यह भी नश्वर है, इसे चयोपचय है वैसे इसे भी चयोपचय होता है, इसका विपरीत परिणामी धर्म है. वैसे ही इसका भी विपरीत परिणामी धर्म है। इत्यादि। (यहां जहां-जहां यह शब्द है वह मनुष्य शरीर वाचक समझना और दूसरा यह शब्द है वह वनस्पति कायवाचक शब्द समझना। इसी तरह दोनों का दृष्टान्त दार्टान्त रूप योजना है।)' .. वनस्पते: सचैतन्यमेवं सिद्धं नरांगवत् । ..... . ततोऽस्य योनि जातत्वमपि सिद्धं तदुच्यते ॥४७॥ . इस प्रकार वनस्पतिकाय का मनुष्य के शरीर समान सचेतन रूप सिद्ध किया है और इससे यह 'योनिज' है इस तरह भी सिद्ध होता है। (४७) तथाहि .... बीजस्य द्विविधावस्था योन्यवस्था तथापरा । तन्मध्ये योन्यवस्था या सा चैवं परिभाव्यते ॥४८॥ वह इस प्रकार है- बीज की दो प्रकार की अवस्था है । उसमें १- योनि अवस्था और २- अयोनि अवस्था होती हैं। इसमें जो योनि अवस्था है वह इस प्रकार समझना। (४८) . जन्तूत्त्पत्ति क्षणे पूर्व जन्तुना स्याद्यदुज्झितम् । अत्यक्तयोन्यवस्थं च तद् बीजं योनिभूतकम् ॥४६॥ जन्तु की उत्पत्ति के समय अव्यक्त योनि की अवस्था वाला जो बीज पूर्व के जन्तु ने छोड़ा हो वह बीज योनिभूत कहलाता है। (४६) तत्र च......जन्तूज्झितं निश्चयेनाधुना ज्ञातुं न शक्यते। . ततोऽनतिशयी बीजं सचेतनमुतेतरत् ॥५०॥ ___ परन्तु जन्तु द्वारा छोड़ा वह बीज उस समय में निश्चयपूर्वक नहीं जान सकते हैं। इससे वह सचेतन है या अचेतन है, वह नहीं कह सकते हैं! (५०) योनिभूतं व्यवहरे द्यावदध्यस्तयोनिकम् । ध्वस्तयोनि त्वजीवत्वादयोनिभूतमेव हि ॥५१॥
SR No.002271
Book TitleLokprakash Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages634
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy