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________________ (xii) प्रवर श्रीमद् विजय देव सूरीश्वर जी म०सा० की भक्ति रुप सज्झाय की रचना की गई है। (११) उपमिति भव प्रपंचा :-- श्री सिद्धर्षि गणि कृत अत्यन्त वैराग्यपूर्ण महा ग्रन्थ उपमिति भव प्रपंच कथा (संक्षेप) करके गुजराती भाषा में स्तवन रुप में प्रस्तुत किया है। वि० सं० १७१६ में रचित यह स्तवन रुपकृति भगवान धर्म नाथ प्रभु की भाव भक्ति से ओत-प्रोत है । प्रथम तो सम्पूर्ण भव चक्र को उपमिति प्रमाण में वर्णन किया है, और बाद में श्री धर्मनाथ जिनेश्वर प्रभु की विनंती की है । धर्म नाथ अवधारिये सेवक की अरदास । दया कीजिये-दीजिये, मुक्ति महोदय वास ॥ (१२) पट्टावली सज्झाय :- इस ग्रन्थ का रचना काल वि० सं० १७१८ है । इस कृति में श्री सुघर्मा स्वामी से लेकर पट्टपरम्परा अनुसार उपकारी गुरु 'श्री कीर्ति विजय जी उपाध्याय के समय तक के पूज्य गुरु भगवंतों की विशिष्टताओं को ७२ गाथाओं को स्तवन रुफ लिखा गया है । इसमें पूज्य गुरु देव की पदवी प्रसंग को बहुत ही प्रभवोत्पादक रुप से प्रस्तुत किया गया है । (१३) पाँच समवाय (कारण) स्तवन :- इस ग्रन्थ में ६ ढ़ाल में ५८ गाथाओं से निबद्ध रूप स्तवन में 'कालमतवादी', 'स्वभाव मंतवादी', भावी समभाववादी', 'कर्मवादी' और 'उद्यम वादियों के मंतव्य को बड़े ही मनोयोग और विस्तार के साथ प्रस्तुत किया गया है। पिछली छठीं ढ़ाल में सभी वादों को श्री जिनेश्वर प्रभु के चरणों में आते दिखाया है। ए पाँचे समुदाय मल्या विण, कोई काम न सीझो। अंगुलियोगे करणी परे, जे बूझे ते रीझे॥ इस रीति से पाँचों समवाय को समझाने व समझाने के लिये उपयोगी इस स्तवन को गुजराती भाषा में लिपिबद्ध किया गया है। (१४) चौबीसी स्तवन:- चौबीसों भगवतों के प्रत्येक स्तवन में ३-४ या ५ गाथायें है। सम्पूर्ण ग्रन्थ में कुल १३० गाथायें है। इसमें चरम तीथकर प्रभु महावीर स्वामी का स्तवन बहुत ही लोक प्रिय है। इसकी अन्तिम कड़ी मेवाचक शेखर कीर्तिविजय गुरू, पामी तास पसाय । धर्मतणे रसे जिन चोवीशना, विनय विजय गुणगाय ॥ . सिद्धारथना रे नंदन विनवू-- पूज्य नेमिनाथ प्रभु के तीन स्तवन हैं। इसमें कुल २६ स्तवन है। किसी-किसी स्तवन में तो भाव पक्ष बहुत ही प्रबल है।
SR No.002271
Book TitleLokprakash Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandrasuri
PublisherNirgranth Sahitya Prakashan Sangh
Publication Year2003
Total Pages634
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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