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॥ मुनि कस्तूर विजयविनिर्मिता ॥
स० चमूअ, चमूआ, चमूह, चमूए. चमृसु, चमूसं.
सं० हे चतु.
ऋकारान्त पुंलिङ्ग -
हे चमूआ, चमूड, चमूओ, चमू.
प्रत्ययो - अकारान्त तथा उकारान्त पुलिङ्ग प्रमाणे.
नियमो - १ ऋकारान्त शब्दना ऋनो सर्वं प्रत्ययो पर छत आर अने ज्ञावाचक शब्दना ऋ नो अर थाय छे, मैथमा अने द्वितीयाना एकवचन तथा द्विवचनने स्थाने थयेला बहुत्रचनना प्रत्ययो सिवाय बीजा वर्षा प्रत्ययो पर छतां ऋ नो उ पण थाय छे.
(आर थाय त्यारे रूपो अकारान्त नाम जेग थाय छे. ने उ थाय त्यारे रूपो उकारान्न जेवा थाय छे.)
मॅथमाना ए वचनमां ऋ नो आ थइ [ कत्ता ] तेर्बुज रूप विकल्पे कायम रहे छे.
सैम्बोधनना एकवचनमां ऋ नो अ थइ तेवुंज रूप विक
१. ॥ आरः स्यादौ ॥ ३ ॥ ४५ ॥ स्यादौ परे ऋत आरादेशः ॥
|| नाम्न्यरः ॥ ३ ॥ ४७ ॥ स्यादौ ऋतः ॥
२
३ ऋनामुदस्य मौसु वा ॥ ३ ॥ ४४ ॥
४ आसौ नवा ॥ ३ ॥ ४८ ॥ ऋतः ॥
५ ऋतोऽद्वा ॥ ३ ॥ ३९ ॥ आमन्त्रणे सौ ॥