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॥ प्राकृतधातुरूपमाला ॥
(१७३)
“विधि आ०
भूतकाल नासवउ, नासवेउ, नासवावउ, नासवीअ, नासवेई, नासवावेत, नासवानीअ, नासवावेईअ,
. ( दृश) दरिस, वर्तः
भवि० दरिसइ, दरिसेइ दरिसावइ, . दरिसिहिइ, दरिसेहिइ,
दरिसावेइ, दरिसाविहिइ, दरिसावेहिइ, विधिः आ०
भूतकाल दरिस 3, दरिसेउ, दरिसावउ, दरिसीअ, दरिसेईअ, दरिसावेउ, ,
दरिसावी, दरिसावेई अ, (मिश्र). मिस्स, वर्तमान
भवि० मिस्सइ, मिस्सेइ; मिस्सावइ, मिस्सिहिद, मिस्सेहिइ,..
मिस्सावेइ, मिस्साविहिइ, मिस्साहिए, विधि--आज्ञार्थः
भूतकाल. मिस्सर, मिस्सेउ, मिस्सावउ, मिस्सीअ, मिस्सेईअ, मिस्सावेउ,
मिस्सावीअ, मिस्सावेईअ
(अर्प) अप्प, वर्तमान
भवि० अप्पइ, अप्पेइ, अप्पावइ.
अपिहिइ, अप्पेहिइ, अप्पावेइ,
अप्पाविहिइ, अप्पावेहिइ,