SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 89
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण भगवान श्री महावीर स्वामिने नमः॥ गणधरेन्द्र श्री गौतम-सुधर्मस्वामिने नमः ॥ _ नमो नमः श्री गुरुरामचन्द्रसूरये ॥ संघ के करकमलों में एक नजराना आज ही ग्राहक बनें और घर बैठे जिनवचनों का पान करें आत्मजागरण की उजाला और मुक्तिपथ का प्रकाश बिखेरता हुआ मक्तिकिरण पाक्षिक (गुजराती) वि. २०६१ से लाडोल के जैन-जनेतर बन्धुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रकाशित किया जा रहा है। जिसमें जिनवाणी के प्रसिद्ध जादूगर पू.आ. श्री विजयरामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा के प्रवचन रामायण आदि, सिंहगर्जना के स्वामी पू. आ. श्री विजयमुक्तिचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा के सचोट चिन्तन, प्रवचन प्रभावक पू. आ. श्री विजयमुक्तिप्रभसूरीश्वरजी महाराजा के लेखांक़ तथा हमारे मार्गदर्शक प्रसिद्ध प्रवचनकार पू. आ. श्री विजयश्रेयांसप्रभसूरीश्वरजी महाराजा के लेख व प्रवचन, श्री भगवतीसूत्र, प्रभु वीर और उनके उपसर्ग, श्रमणोपासकों का सुरम्य जीवन, मनोहर मार्गानुसारिता आदि बहुत कुप्सरल-सुबोधशैली में प्रकाशित किए जाते हैं। आप भी हमारे इस परिवार के सदस्य बन सकते हैं। इसके लिए आज ही इसके ग्राहक बनें। आजीवन सदस्यता शुल्क रु. ७५०/- मात्र शुभारंभ हो गया है। मुक्तिकिरण (मासिक) (हिन्दी) हिन्दीभाषी महानुभावों के लाभार्थ उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए प्रकाशित करने का हमने निर्णय लिया है। आजीवन सदस्यताशुल्क मात्र रु.७५०/ निवेदन : श्री स्मृतिमन्दिर प्रकाशन, अहमदाबाद सम्पर्क श्री स्मृतिमन्दिर प्रकाशन : श्री दिनेशभाई ए. शाह । १२, स्वस्तिक एपार्टमेन्ट, शान्तिनगर जैन देरासर के सामने, उस्मानपुरा, अहमदाबाद श्री हसमुखभाई ए शाह गामदेवी, मुम्बई-९ (M) 93222 32140 (R) 022-23645084. श्री राजेशभाई जे. शाह बी/२५, शक्तिकृपा सोसायटी, अरुणाचल रोड, डॉ. ब्रह्मभट्ट हॉस्पीटल के पीछे, सुभानपुरा, वडोदरा-२७. (M) 0265-2390516 श्री रमंतिमंदिर प्रकाशन फोन : २६५८१५२१
SR No.002240
Book TitlePrabhu Veer ke Dash Shravak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreyansprabhsuri
PublisherSmruti Mandir Prakashan
Publication Year2008
Total Pages90
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_upasakdasha
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy