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- देवतामूर्ति-प्रकरणम् as Vishnu. (The height of the peethika should be as much as the Vishnu part).
A Siva-linga and its peethika base should be made from the same material or class (jati). Mixing different matcrials is not desirable. (129).
आहुः शैलेष्टमे केचित् पीठं पक्वेष्टकामयम् । उपर्युपरि पीठानां सन्धिरङ्गावसानके ॥ १३० ॥ नालस्य मध्य मध्ये च कर्णसन्धिं न सन्धयेत् ।
कितने ही शास्त्रकार पाषाण और काष्ठ के लिङ्ग के लिए पकी हुई ईंट. की पीठिका बनाना कहते हैं। ऊपर की हुई पीठिका की संधि उसके अवसान में करनी चाहिये। परन्तु नासा के मध्य भाग में और दोन में संधि नहीं करना ।
Some learned people are of the view that for Siva-lingas made of stone and wood the peethika can be inade from baked bricks also. The joint or union of the raised Peethika should be at its concluding point (or end) (130). However, there must not be any joint in the middle of the channel (nala) or at the corners.
(131a).
प्रणालिका का भाग
प्रणालं तु त्रिभागेण तत्तुल्यं चाग्रमर्द्धकम् ॥ १३१ ॥ त्रिधा विभक्तमग्रे तु मध्ये सजलमार्गतः। कन्दे तु पदमेकैकं मध्यवंशोद्भवाकृतिः ॥ १३२॥ .
पीठिका के विस्तार का तीसरा भाग प्रणालिका संधि करना और प्रणालिका के आधे भाग में नासिका के मुख का विस्तार करना, तथा मुख के तीसरे भाग का जलमार्ग करना। एक-एक पद में कुन्देन्दु करना और मध्य में वंशोद्भव का आकार करना।
For the scale of the channel or pranalam, divide (the length
An alternate meaning is Siva-lingas made from wood obtained from mountains - Shail-drumal.