SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 324
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उववाइय सुत्तं सू० ४२ 295 the state of samudghāta have the activity of the mind, or of the speech or of the body? Mahavira Gautama! They do not have the activity of the mind nor of the speech, but only of the body. गौतम : कायजोगं जुंजमाणे किं ओरालियसरीरका यजोगं जुंजइ ? ओरालियमिस्ससरीरका यजोगं जुंजइ ? वेउब्वियसरीरकायजोगं जुंजइ ? वे उव्वियमिस्ससरीरका यजोगं जुंजइ ? आहारसरीरकायजोगं जुंजइ ? आहारसरीर मिस्सका यजोगं जुंजइ ? कम्मासरोरकायजोगं जुंजइ ? जुंजइ । । महावीर : गोयमा ! ओरालि यसरीरकायजोगं ओरा लिय मिस्ससरीरका यजोगंपि जुंजइ । णो वेडव्वियसरीर, कायजोगं जुंजइ णो वेउब्विय मिस्ससरीरकायजोगं जुंजइ । णो आहारगसरीरका यजोगं जुंजइ । णो आहारगमिस्ससरीरकायजोगं जुंजइ । कम्मसरीरका यजोगं पि जुंजइ । • पढमट्टमेसु समएसु ओरालियसरीरकायजोगं जुंजइ । बिइयइछत्तमे समसु ओरालियमिस्ससरीर कायजोगं जुंजइ । तई - चउत्थपंचमेहिं कम्मासरीरकायजोगं जुंजइ । गौतम : हे भगवन् ! काययोग को प्रयुक्त करते हुए - कायिक-व्यापार करते हुए क्या वे औदारिक शरीर - अवशेष पुद्गलों की अपेक्षा स्थूल पुद्गलों से बने हुए शरीर से कायिक क्रिया करते हैं ? क्या औदारिक मिश्र - औदारिक और कार्मण इन दोनों शरीरों से क्रिया करते हैं ? क्या वैक्रिय शरीर - विशिष्ट कार्य करने में सक्षम सूक्ष्म पुद्गलों से बने हुए शरीर से क्रिया करते हैं ? क्या वैक्रिय मिश्र - कार्मण मिश्रित अथवा औदारिक मिश्रित वैक्रिय शरीर से क्रिया करते हैं ? क्या आहारक शरीर - 'विशिष्टतम पुद्गलों से निष्पन्न' से क्रिया करते हैं ? क्या आहारक मिश्र - औदारिक
SR No.002229
Book TitleUvavaia Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rameshmuni
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1988
Total Pages358
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy