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उववाइय सुत्तं सू० १९ .
ment and make it nugatory. To check greed and make it nugatory.
से कि तं जोग-पडिसंलीणया ?
जोग-पडिसंलीणया तिविहा पण्णत्ता । तं जहा - मण-जोगपडिसंलीणया वय-जोग-पडिसलीणया काय-जोग-पडिसंलोणया ।
वह योग प्रतिसंलीनता क्या है ? उसके कितने प्रकार है ?
योग प्रतिसंलीनता तीन प्रकार की बतलाई गई हैं। वह इस प्रकार है : (१) मनोयोग प्रतिसंलीनता, (२) वचन-योग प्रतिसंलीनता, (३) काययोग प्रतिसंलीनता।
What is the restraint of activity ?
It has three types, viz., restraint on the activity of mind, restraint on the activity of words and restraint on the activity of body.
से किं तं मण-जोग-पडिसंलीणया ?
मण-जोग-पडिसंलीणया अकुसल-मण-णिरोहो वा कुसल-मणउदीरणं वा। से तं मण-जोग-पडिसलीणया।
वह मनोयोग प्रतिसंलीनता क्या है ?
अकुशल-अशुभ दुर्विचारपूर्ण मन का निरोध करना अर्थात् मन में बुरे विचारों को नहीं आने देना अथवा कुशल/शुभ-सुविचार पूर्ण मन का प्रवर्तन करना, मन में सद् विचारों को लाते रहने का अभ्यास करना मनोयोग प्रतिसंलीनता है। यह मनोयोग प्रतिसंलीनता का स्वरूप है।
What is the restraint on the activity of mind ?