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________________ जेनुं जेनी चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह मम्मण शेठ जेमनो चन्द्रप्रभु वटवृक्ष जेना जैनागम जेना भीखारी भाग्यशाली परमात्मा रोगी जैनाचार्य गायत्री मन्त्री तालु EEEEEEEEEEEEE 12 भीम |९४ | (बहुव्रीहि) १०७. कंजुस | हृदय १०८. उज्वल वर्ण १०९. शीतल छाया ११०. सुवर्णना अक्षरो १११. जीर्ण... |छे वस्त्रो ११२./ तेज छे नसिब ११३. अखुट खजानो ११४. निर्बल छे शरीर |११५. पवित्र जीवन ११६. मधुर कण्ठ ११७. अद्भूत जटा ११८. नानी चावी ११९. विशाल काया १२०. निर्दय १२१. धोळु कवर १२२. झेर दांतमां १२३. घणी माया १२४. लाल छे| कलर १२५. पचरङ्गी पाँख १२६. सुन्दर रूप १२७. आकर्षित आँख १२८. जिद्दी स्वभाव १२९. डुबती |१३०. भरपूर १३१. धोलो १३२. जडेला छे रत्नो १३३. भव्य छे आंगी |१३४. शणगारी १३५. लाल हृदय कंस | sty at oth or oth st or at al. o streat s of or other tv chota TE TE TETTE TE TE TETTE TE TE TE TEETE TEETTE TE TE TETTET TE TE TE TE जेनी जेनी एवो | ते जेनुं जेमनी जेनो पुस्तक सर्प (व्यं.) मायावी माला मोर अप्सरा पस्मात्मा सोनु समुद्र गुणियल स्फटीक रत्न मुगुट परमात्मा मुमुक्षुओ . पोपट जेमां एवो जेना जेनो जेमां जेमनी जेओनी जेनी जेमां १३६. रहेलु जमा कंगण .
SR No.002223
Book TitleChintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaresh L Kubadiya
PublisherHaresh L Kubadiya
Publication Year2005
Total Pages134
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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