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| चिन्तन हैम संस्कृत - भव्य वाक्य संग्रह
मेलवबा राधा - मनिष लाल बोटमां बेसे छे
३७.
२६.
२५. गोल्डन ना स्थिर पूतलाने जोईने फोरेनर आनन्द पामे छे । ३८. | गार्डनमां करुण शूटिंग जोईने निरीक्षक माणस पण रडे छे २७. गार्डनमां चालती लटकाली | लताने जोईने राधा बोलवे छे। ४०. २८. गार्डनमां कलरिंग फुवारो
३९.
जोवा माटे बालक रडे छे २९. गार्डनमां दोडता सफेद ससलाने | जोईने मनिषर्ने पकडवानुं मन थाय छे
३०. गार्डनमां महान् ऋषिने जोईने माणसो नमस्कार करे छे ३१. गार्डनमां गर्जता सिंहना अवाजथी माधुरी डरती थी ३२. नयना पोतानी गमगीनी दुर करवा माटे साहेलियो साथे विशाल बगीचामां जाय छे ३३. कमलेश लाल शर्ट पहेरीने | बगीचामां क्रिकेट रमे छे ३४. सूरज गार्डनमां गांडा हाथीने जोईने पोताना इलाजथी | काबुमां लावी शकतो नथी ३५. राजानी आज्ञाथी माली बगीचामांथी राणी माटे सुन्दर फुलो लावे छे
३६. निशा नाना बगीचाने विशाल करवा माटे पिताजी पासे
४१.
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(विशेषण - विशेष्य )
अरजी करे छे
बगीचाने खोदतां नयनाने नवलखोहार मले छे सुधिर बगीचानी तीखी भेल खाईने निन्दा करे छे
जिज़ा पिताजी साथे बगीचामां मोटा चकडोलमां बेसे छे भरत बगीचामां अनाथ बालकने जोईने वासु साथे
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४८.
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४२. श्रीपाल महाराजानी पत्नीने बगीचामो कालो सर्प करड्यो ४३. नर्तकी बगीचामां पोतानी सुन्दर कला बतावीने पब्लिकने खुस करे छे विशाल उपाश्रयमां परम पू. आ. भ. विरजामान छे ४५. उपाश्रयमां सिद्ध चक्र पूजन भणाववा गम्भीर पण्डितजी आवे छे
वात करे छे
गांडो माणस बगीचामां | मालीने पूछ्या वगर फूल ताडे
छे
उपाश्रयमां मोटा बे दरवाजा लोखण्डनां छे
सुन्दर उपाश्रयने जोईने लोको प्रशंसा करे छे
ऊननुं गरम कटासणुं लईने बेनो सामायिक करे छे उपाश्रयमां श्रावको मधुर