________________
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह
(सम्भव) | ५५/ ४३. कल्पनाने गलत वाक्य हता
काढवामां रब्बर सहाय रूप छे| ५७. साहेबने फरवामां सायकल | मोनितने रमवामां डिम्पल | सहाय रूप छे सहाय रूप छे
| ५८. प्रभुना जन्म कल्याणक निमित्ते |बालकने मारवामां लाकडी | मेरु पर्वत उपर जवामां देवोने सहाय रूप छे
| देव विमान सहाय रूप थाय स्वाद लेवामां जीभ सहाय रूप छे
५९. | ट्रेन चलाववामां इञ्जेन सहाय हथियार युद्धमां सहाय रूप छे| रूप छे ४८. | युद्धमां जवा माटे हाथी- ६०. | गाडी ऊभी राखवामां सिग्नल
| घोडा-रथ सहाय रूप छे । | सहाय रूप छे | राज-कुंवरीने राज कुंवर साथे| ६१. | सामान मुकवामां कुली सहाय | मलवामां दासी सहाय रूप छे रूप थाय छे | वंकचूलने पल्लीमां जवामां ६२. | रिर्जवेशन करवामां टी.सी.
पुष्पचुला सहाय रूप छे सहाय रूप छे ५१. | युद्धमां घायल थयेला हाथीने
सम्भव सजीवन थवामां वैद्य संहाय रूप छे
आचार्य नरकमां जाय पण ५२. | प्रजाना आनन्दमां राजा सहाय
हुं कर्मग्रन्थना अर्थ करूं पण रूप छे
शंकर त्रीजी आँख खोलो पण | राजा विनयी बन्यो एम| ४. गंधन कुलना सर्प झेर चुसे जाणीने पूजाने महोत्सव
पण करवामां प्रधान सहाय रूप छे |
| ललीता राखीनुं मुहूर्त कढावे युवराजने परदेश मोकलवामां
पण | राजाने राणी सहाय रूप थवी|
| ६. | राजुल नेमनी पाछल संसार | जोईए
छोडे पण चण्डकौशिक ने प्रतिबोध ७. | पू....सूरि म.सा. सरस्वतीनी करवामां वीर सहाय रूप हता
साधना करे पण ५६. | पाञ्चालीना शीलनुं रक्षण
समता धारी श्रावक दुःश्मनने करवामां कृष्ण सहाय रूप
क्षमा करे पण
५३.