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करे छे
काढे
४३. गुरु
||३४] (विना)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह रस निकले छे
३८. संयोगमांथी वियोग उत्पन्न २२. अमे संस्कृत बूकमांथी वाक्यो | थाय छे करीए छीए
३९. नेमनाथ रागीमांथी विरागी बने २३. भरतनी आँगलीमांथी सुवर्णनी वीटी पडे छे
आत्मामांथी परमात्मा बने छ बालकनी आँखमांथी आँस | भूख्यो सिंह गुफामांथी गर्जना
टपके छे २५. ऐंजिनमांथी धुंवाडो निकले छे | ४२. प्रिया माथाना बालमांथी ज़
पानखर ऋतुमां झाडमांथी पांदडां खरे छे
गुरुदेव लीला बटवामांथी रावण युद्ध माटे लंकामांथी | वासक्षेप ले छे आवे छे
| ४४. माता घऊंमांथी कांकरां काढे माखणमांथी घी थाय छे २९. गुलाबना फुलमांथी सुगंध | ४५. | राधा सांवरणी वडे रुममांथी आवे छे
कचरो काढे छे ३०. पत्थरमांथी मूर्ति बने छे ४६. | अल्पा केमेरामांथी यात्रानो ३१. रेल्वे स्टेशनमांथी यात्रिको | रोल काढे छे गाममां आवे छे
| ४७. मध्याह्ने गुरुदेव पात्रामांथी ३२. सुवर्णना पिञ्जरामांथी तारो | ठण्डी गोचरी काढे छ पोपट उडे छे
शशी सागरना पेटालमांथी ३३. चोर राज्यना भण्डारमांथी मोती लावे छे. रत्नोनी चोरी करे छे
दादीमाँ डाबलीमांथी तमाकुं ३४. स्त्रीओ बाजारमांथी रसोडानो काढे छे सामान खरीदे छे
विना ३५. माछीमार समुद्रना पाणीमांथी माछलीओ काढे छे
हुं निशा विना बगीचामां जती ३६. जंगलमांथी सिंह पलायन
नथी थाय छे
सुरज विना प्रकाश मलतो ३७. वाल्मीकी लुण्टारामांथी ऋषि
नथी बने छ
३. | माँ विना वात्सल्य मलतुं नथी
(४८.