________________
in 3 ; ii
११.
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (वर्तमान कर्तरि भावे...) | ३१||
___ वर्तमान कर्तरि + भावे (नाम) १.. | पूजारी घसे छे
१. | पूजारी वडे घसाय छे | नयना विश्राम ले छे
| नयना वडे विश्राम लोवाय छे ३. राजु रक्षण करे छे
३. | राजु वडे रक्षण कराय छे ४. मोहन बोले छे
| मोहन वडे बोलाय छे सुरज गभराय छे
५. सुरज वडे गभरावाय छे ६. भरत जुवे छे
६. भरत वडे जोवाय छे ७. | दिशा पाले छे
७. | दिशा वडे पळाय छे ८. अनील सर्जे छे
८. | अनील वडे सर्जाय छे | सीता संतोष माने छ
| सीता वडे संतोष मनाय छे १०. स्वीटी जाय छे
१०. स्वीटी वडे जवाय छे बिलाडी पीवे छे .
बिलाडी वडे पीवाय छे । ऊर्मिला वखाणे छे १२. | ऊर्मिला वडे वखाणाय छे मेह वरसे छे
१३. | मेह वडे वरसाय छे १४. नेहा भूले छे
१४. नेहा वडे भूलाय छे १५. सोनी रचे छ
१५. सोनी वडे रचाय छे रावण हरे छे
| रावण वडे हराय छे ममता जागे छे
| ममता वडे जगाय छे | कामिनी समृद्ध थाय छे | कामिनी वडे समृद्ध थवाय छे १९. सर्प निकले छे
| सर्प वडे निकळाय छे । २०. लुहार काढ़े छे
२०. | लुहार वडे कढाय छे परमाधार्मिक दुःख दे छे | परामाधार्मिक वडे दुःख २२. गधेडं आलोटे छे
देवाय छे | दुर्योधन निष्फल थाय छे | गधेडा वडे आलोटाय छे २४. हनुमान बाले छे
२३. | दुर्योधन वडे निष्फल थवाय छे २५. | देव उत्पन्न थाय छे
| हनुमान वडे बळाय छे |२६. इन्द्रभूति माने छे
देव वडे उत्पन्न थवाय छे २७. कालसौरिक कसाई - द्रोह | | इन्द्रभूति वडे मनाय छे करे छे
२७. कालसौरिक कसाई वडे
१८.
२४.
२५.
२६. इन्दशनि