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चिन्तन हैम संस्कृत- भव्य वाक्य संग्रह
८.
(आपवुं ) १९ सूरज छायाने चश्मा आपे छे ९. सूर्य जगतने प्रकाश आपे छे माँ बालकने प्रेम आपे छे ३४. माली फुल माटे बगीचामां ११. चन्द्र जगत्ने शीतलता आपे जाय छे
३२. कुंती रंग माटे कलर लावे छे ३३. यात्रिको यात्रा माटे आबु जाय छे
१०.
छे
दहिं वडां जीभने स्वाद आपे
छे
३५. हंसा बुद्धि माटे बदाम खाय
छे
३६. राजा राणी माटे अंगूठी लावे १३.
. १४.
छे ३७. शबरी राम माटे बोर लावे छे ३८. पविता कवित माटे ऊभी छे ३९. केतना माटे चेतना गिफ्ट लावे छे
आपवुं
१. रेश्मा रमीलाने पेन आपे छे २. आ. भ. श्रावकोने व्याख्यान आपे छे
१७.
४०. शिष्या गुरुजी माटे सर्मपण १८.
भाव लावे छे..
१९.
४१. नर्स दर्दी माटे दवा लावे छे.
२०.
४२. नमिता नम्रता माटे रडे छे
२१.
२२.
३. नकुल सहदेवने धन्यवाद आपे छे
४. द्रोणाचार्य पाण्डवोने विद्या आपे छे
गुरु शिष्यने शिक्षा आपे छे ६. काका काकीने लाकडी आपे
छे
१२.
७.
| मामा मामीने मिठाई आपे छे
१५.
१६.
पिता पुत्रने आशीर्वाद आपे छे साहेब विद्यार्थीने ज्ञान आपे छे
२५.
२६.
२७.
पिता पुत्रीने दहेज आपे छे
गुरु शिष्योने शिखामण आपे
छे
२८.
वर कन्याने वींटी आपे छे
नदी तरस्याने पाणी आपे छे
सेवा माणसने मेवा आपे छे
नेहा स्नेहाने कुण्डल आपे छे
माँ बालकने लाडवो आपे छे
२३. भीम अर्जुनने शाबासी आपे छे
सुखियो दुःखियाने आश्वासन आपे छे
२४. | मलयासुन्दरी महाबलने | नवलखो हार आपे छे
गुरु शिष्यने कामली आपे छे
एकलव्य द्रोणाचार्यने गुरु दक्षिणा आपे छे
बिरबलने अकबर सूचना आपे छे
युधिष्ठर दुर्योधनने राज्य आपे
छे